Saturday, April 20, 2024
No menu items!
Homeअन्यचर्चित खबरश्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों की राह देखता रह गया शिवपुर घाट...

श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों की राह देखता रह गया शिवपुर घाट स्मारक

Shivpur Ghat Memorial: गंगा नदी का शिवपुर घाट वही ऐतिहासिक घाट है। जहां आज से करीब 165 वर्ष पूर्व 22 अप्रैल 1858 को सुबह के समय अंग्रेजों की गोली से अपनी जख्मी भुजा को स्वयं के तलवार से काटकर बाबू वीर कुंवर सिंह ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए माता गंगा को समर्पित कर दिया था। जिसके बाद से ही गंगानदी का यह पवित्र घाट वीरता का प्रतीक एवं ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जाना जाता है।

  • विजयोत्सव के दिन भी उपेक्षित रह गया बाबू वीर कुंवर सिंह का शिवपुर घाट पर बनाए स्मारक
  • प्रशासन या जनप्रतिनिधि कोई नहीं पहुंचा स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने
  • विजयोत्सव के दिन शहीद के सम्मान में स्मारक पर एक फूल (पुष्प) तक अर्पित नही किया गया

Bihar/Ara/Shahpur: शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मर मिटने वालों का बाकी यही निशा होगा। उक्त पंक्तियां देश के नाम पर आजादी के लिए मर मिटने वालों के लिए कहीं गई थी। परंतु बाबू वीर कुंवर सिंह के नाम पर शाहपुर प्रखंड के (Shivpur Ghat Memorial) शिवपुर गंगा नदी के घाट पर बने स्मारक पर विजयोत्सव के दिन भी प्रतिनिधियों या अधिकारियों द्वारा एक पुष्प तक अर्पित नही किया गया।

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

जबकि उक्त स्मारक बाबू वीर कुंवर सिंह के नाम पर बिहार पर्यटन विभाग द्वारा तीन वर्ष पूर्व लगभग तीन करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई थी। जहां पिछले वर्ष मेले का तरह आयोजन कर विजयोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। लेकिन इस वर्ष सरकार के मंत्री, मुलाजिम एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि विजयोत्सव के दिन शहीद के सम्मान में स्मारक पर फूल माला तक चढ़ाने नहीं पहुंचे। जिसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।

बताते चलें कि गंगा नदी का शिवपुर घाट वही ऐतिहासिक घाट है। जहां आज से करीब 165 वर्ष पूर्व 22 अप्रैल 1858 को सुबह के समय अंग्रेजों की गोली से अपनी जख्मी भुजा को स्वयं के तलवार से काटकर बाबू वीर कुंवर सिंह ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए माता गंगा को समर्पित कर दिया था। जिसके बाद से ही गंगानदी का यह पवित्र घाट वीरता का प्रतीक एवं ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जाना जाता है।

- Advertisment -
Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

Most Popular

Don`t copy text!