Monday, January 27, 2025
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आरा का गौरव श्री कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह सन 1914 से..

Krishna Janmotsav-विगत 106 वर्षों से गुलजार है आरा की यह अद्वितीय संगीत परम्परा

Futen Ansari
raju yadav
Bijay
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेषः

Madan Yadav
Badak Kushwaha
Junior Engineer
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खबरे आपकी आरा। गायन, वादन, नृत्य से प्रभु के श्रृंगार की अद्भुत परम्परा का परिचायक हैं आरा का श्री कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह। विगत 106 वर्षों से गुलजार है आरा की यह अद्वितीय संगीत परम्परा। इस समारोह की नींव कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सन 1914 में स्व. बक्शी बृजविलास बिहारी एवं स्व. बक्शी कौशलेश बिहारी द्वारा डाली गई। ठाकुरवाड़ी की यह परम्परा शास्त्रीय कलाओं का संरक्षण स्थल बन चुका है। वर्तमान में छ: रातों तक प्रवाहित होती है शास्त्रीय संगीत की रसधारा।

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya

1950 के दशक में मिली राष्ट्रीय पहचान
आरा। ध्रुवपद-धमार से शुरू हुये इस संगीत समारोह की गरिमा बनाए रखने और इसे देशभर में पहचान दिलाने के लिए महान संगीत प्रेमी स्व. बक्शी कुलदीप नारायण सिन्हा को हमेशा जाना जाएगा। समारोह के दौरान अक्सर श्रोता और कलाकार उन्हें याद करते रहते हैं। कुलदीप जी के दिवंगत होने के बाद इनके पुत्र स्व. बक्शी अवधेश कुमार श्रीवास्तव व पुत्रवधू शास्त्रीय गायिका विदुषी बिमला देवी ने इस परम्परा का निर्वहन किया l अब यह जिम्मेदारी उनके पौत्र चर्चित कथक नर्तक बक्शी विकास निभा रहे हैं।

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भारत रत्न, पद्मभूषण और पद्मविभूषण संगीतकारों ने दी है प्रस्तुति
आरा। भारत रत्न शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां, पद्मभूषण वीजी. जोग, तबला सम्राट पंडित कंठे महाराज, तबला सम्राट पंडित गामा महाराज, पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज, पद्मभूषण पंडित सामता प्रसाद उर्फ गोदई महाराज, पंडित रंगनाथ मिश्र, पद्मविभूषण विदुषी गिरजा देवी पद्मश्री पंडित सियाराम तिवारी, पंडित रामचतुर मलिक, पद्मभूषण एन.राजम, संगीत, पद्मभूषण बेगम प्रवीण सुल्ताना, नाटक अकादमी पुरस्कृत विदुषी सुनन्दा पटनायक जैसे विभूतियों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाया।

रात भर उमड़ी रहती थी श्रोताओ की भीड़
Krishna Janmotsav आरा। इस संगीत समारोह की लोकप्रियता ने श्रोताओ को सदैव बांधे रखा। स्तरीय कार्यक्रम की रोचकता के कारण रात भर श्रोताओ की भीड़ लगी रहती थी। संगीतज्ञ भी काफी होते थे। इसलिए कार्यक्रम का समापन होते होते सुबह हो जाती थी और राग भैरवी से समापन होता था। “बाजूबंद खुली-खुली जाय सावरिया ने कैसो जादू डाला” ठुमरी का विस्तार व तबले के साथ दरभंगा के पंडित रामदीन पाठक के खंजड़ी की लयकारी पर श्रोता झूम उठते थे। दशरथ ठाकुर के कत्थक पर पंडित रंगनाथ मिश्र के अद्भुत तबला संगति को याद करते आज भी रोमांचित हो उठते है पुराने दर्शक।पढ़ें- राखी के दिन नाग-नागिन लेकर बहन के घर पहुंचा था भाई, नागिन ने डसा

परंपरा को कायम रखने हेतु करने पड़े कई संघर्ष
Krishna Janmotsav आरा। बाजारीकरण व आर्थिक संकट का प्रभाव इस आयोजन पर भी पड़ा। इस आर्थिक युग में बड़े वातानुकूलित सभागार, बड़े प्रायोजक, रंग बिरंगी प्रकाश से सुसज्जित मंच वाले कार्यक्रम के आगे ईश्वर की आराधना व उपासना का यह प्रतिविम्ब समय के साथ साथ छोटा प्रतीत होने लगा। निरंतर प्रयास व संघर्ष के कारण यहां स्थानीय युवा व स्थापित वरिष्ठ कलाकारों के संगीत समागम की परम्परा आज भी कायम है। इस आयोजन के सुनहरे स्मृतियों में बनारस के सितार वादक पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्र, कलकत्ते की कत्थक नृत्यांगना चंद्रा घोष-तन्द्रा घोष , दरभंगा के पंडित रामदीन पाठक, पटियाला घराने के गायक पंडित हरी भजन सिंह, जंगली मल्लिक, ऋखेश्वर तिवारी, हिरा भगत-रामसकल पंडित, चंद्रशेखर पाठक, अखौरी नागेन्द्र नारायण सिन्हा उर्फ नंदन जी, रामविलाश ओझा, दामोदर शरण, लक्ष्मी जी, हनुमान प्रसाद उर्फ मोहन जी, सुरेंद्रचार्य जी, लक्ष्मण शाहाबादी (सभी गायक), कत्थक नर्तक दशरथ ठाकुर, राम जी पांडेय, सारंगी वादक हंसा जी, तबला वादक अम्बिका सिंह , द्वारिका सिंह, मनन जी, महावीर सिंह, अरविन्द कृष्ण, सितार वादक राजेंद्र शर्मा, दामोदर पाठक, बासुरी वादक चंद्रशेखर सिंह, सखीचंद जी का नाम प्रमुख है।

Krishna Janmotsav

सौहार्द और सद्भाव की अद्भुत छवि
Krishna Janmotsavआरा। श्री कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह आज़ भी धर्म जाती से परे हैं। विगत वर्षों में रोजे के दौरान पधारे शहनाई वादक मों. मुस्लिम व मों. जब्बार के क्लार्नेट की जुगलबंदी के साथ पंडित शिवनंदन के तबला संगति को दर्शकों ने खूब सराहा। इसी आयोजन में संगीत मर्मज्ञ पंडित दुशेश्वर लाल ने कहा था संगीत का कोई एक धर्म एक मजहब नही होता। संगीत समाज की धड़कन हैं, जो जीवन को जीवंत बना देता है।

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KRISHNA KUMAR
KRISHNA KUMAR
बिहार के आरा निवासी डॉ. कृष्ण कुमार एक भारतीय पत्रकार है। डॉ. कृष्ण कुमार हिन्दी समाचार खबरें आपकी के संपादक एवं न्यूज पोर्टल वेबसाईट के प्रमुख लोगों में से एक है।
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भीम सिंह 'भवेश'
भीम सिंह 'भवेश'

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