खबरे आपकी Shri Sitaram Marriage आरा। श्री सीताराम विवाह महोत्सव के दूसरे दिन राम चरित्र मानस नवाहन परायण एव भागवत कथा का प्रथम दिवस के प्रात: बेला में यज्ञाचार्य भोली बाबा ने पूर्व अवाहीत देवी-देवता की पूजा करके और मानस पाठकर्ता शशिभूषण ने राम चरित्र मानस पाठ के अंतर्गत शंकर- सती चरित्र पर वर्णन किया। कहा कि प्रभु शिव ने सती को कहा कि ईश्वर का जीव परीक्षा मत ले उनकी प्रतिक्षा करें परन्तु सती ने परीक्षा लिया। उन्हें कष्ट प्राप्त हुआ। वही शबरी ने ईश्वर का प्रतीक्षा किया और प्रभु को प्राप्त किया।
Shri Sitaram Marriage: श्री सीताराम विवाह महोत्सव के दूसरे दिन का हुआ आयोजन
वहीं दोपहर में हल्दी कुटाई का रस्म हुआ। जिसमें महिला समिति के सदस्यों ने मांगलिक गीत गाकर मंदिर प्रांगण को सीताराम मंय कर दिया। संध्या के समय श्रीधाम वृंदावन से पधारे प्रेम मूर्ति प्रदीप जी महाराज ने धुधकारी प्रसंग पर व्याख्या किया। जीव को ईश्वर की प्राप्ति के लिए पहला श्रवण को शुद्ध करना चाहिए।
भागवत मंच का उद्घाटन करता हर्षित कुमार (प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश भोजपुर), त्रिभुवन यादव, अजय कुमार शर्मा, वैष्णो शंकर मेरहोत्रा, मनोज कुमार (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भोजपुर), वहीं मंच पर त्रिवेणी सिंह, संजय सिंह, प्रेम रंजन चतुर्वेदी, विश्वनाथ सिंह, अविनाश यादव, डॉ. सुनील सिंह, अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह, अधिवक्ता राम सुरेश सिंह, अधिवक्ता गिरीश सिंह, संचालन मीडिया प्रभारी मुक्तेश्वर उपाध्याय, महिला समिति में लालजी सिंह, उषा पांडेय, मनोरमा पांडेय, राधिका देवी, ठाकुर राज किशोर सिंह, राजेश्वर सिंह, जयप्रकाश तिवारी, राजू तिवारी, महिला समिति की तरफ से शशि भूषण बाबा ने सभी अतिथियों का चुनरी उड़ा का सम्मान किया।