Wednesday, September 27, 2023
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शहीद कुंदन कुमार ओझा के पैतृक गांव में पसरा सन्नाटा

शहीद के सम्मान में ग्रामीणों ने लगाये नारे

युवा नेता राजू यादव भी शहीद के गांव पहुंचे

शाहपुर पैक्स ने बदली किसानों की किस्मत
शाहपुर पैक्स ने बदली किसानों की किस्मत

पब्लिक से बदसलूकी में प्रभारी थाना इंचार्ज सहित तीन अफसरों पर गाज

आरा। भारत एवं चीन की सीमा पर लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिको के साथ झड़प में शहीद हुए कुंदन कुमार ओझा के पूर्वजों के गांव शाहपुर प्रखंड के पहरपुर में उदासी छा गई। बुधवार की सुबह जैसे गांव में खबर फैली कि शहीद के पूर्वजो का संबंध पहरपुर से है। गांव में मातम छा गया। मिडिया के लोग पहुंचे तो ग्रामीण भी जुटे और शहीद के सम्मान में कुंदन ओझा अमर रहें का नारा भी लगाया। युवा नेता राजू यादव भी भोजपुर के शाहपुर प्रखंड़ के पहरपुर निवासी कुंदन ओझा के शहीद होने की खबर सुनकर उनके गाँव पहुंचे उनके परिवार के शम्भूनाथ ओझा से मिलकर शहीद कुंदन ओझा को श्रद्धांजलि दी।

शहीद कुंदन कुमार ओझा के पैतृक गांव में पसरा सन्नाटा

इस दौरान लोगो ने कहा मां भारती की रक्षा हेतु अपना प्राण न्योछावर करने वाले शहीद पर हमें गर्व है। हालांकि शहीद और उसके परिवार का सम्बंध वर्तमान में इस गांव से नहीं है। नही बहुत लोगों को उनके बारे में खास जानकारी है। शहीद के निकट के रिश्तेदार 77 वर्षीय तीर्थनाथ ओझा ने बताया कि शहीद के दादा स्व. यदुनाथ ओझा लगभग सौ साल पहले अन्य ग्रामीणों के साथ रोजी- रोटी की तलाश में वर्तमान झारखंड के साहेबगंज चले गए।

पब्लिक से बदसलूकी में प्रभारी थाना इंचार्ज सहित तीन अफसरों पर गाज

DM – jansamvad program: शाहपुर प्रखंड के सरना पंचायत में जिला प्रशासन के द्वारा सरकार के निर्देशानुसार जनसंवाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान जनता के समस्याओं व उनके सवालों से रूबरू हुए भोजपुर जिला पदाधिकारी राजकुमार।
DM – jansamvad program: शाहपुर प्रखंड के सरना पंचायत में जिला प्रशासन के द्वारा सरकार के निर्देशानुसार जनसंवाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान जनता के समस्याओं व उनके सवालों से रूबरू हुए भोजपुर जिला पदाधिकारी राजकुमार।

रोजी रोटी की तलाश के दौरान उनलोगों को वह जगह भा गयी। बाद में सभी साहेबगंज जिले के मुफ्फसिल थाना अंतर्गत डिहारी गांव में स्थायी रूप से घर मकान बनाकर न केवल रहने लगे, बल्कि जमीन खरीद कर खेती भी करने लगे। 1970 तक इनलोगो का संपर्क और आना-जाना पहरपुर गांव से रहा। इसके बाद यहां की जमीन बेच दी गयी। यहां पैतृक सम्पति के नाम पर सिर्फ घर का डीह ही रह गया है।

शहीद कुंदन कुमार ओझा के पैतृक गांव में पसरा सन्नाटा

बताया कि उसके बाद यहां आना जाना न के बराबर है। शहीद के बाबा भवसागर ओझा भी गुजर चुके है। जो कभी-कभार पहरपुर आते-जाते थे। पिता रविशंकर ओझा किसान है।जानकारी के अनुसार शहीद की शादी 2017 में सुल्तानगंज मिरहटी गांव में नेहा देवी के साथ हुई थी। वे चार भाई और एक बहन में दूसरे नम्बर पर थे।वर्ष 2011 में 16 बिहार दानापुर रेजिमेंट से उनकी बहाली हुई थी। उन्होंने 2012 में थल सेना में योगदान किया था। पांच माह पहले घर आए थे। वे अपने पीछे पत्नी और एक 20 दिन की बेटी छोड़ गए है।

शहीद कुंदन कुमार ओझा के पैतृक गांव में पसरा सन्नाटा

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KRISHNA KUMAR
KRISHNA KUMAR
Journalist
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