Friday, October 18, 2024
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पत्नी वार्ड पार्षद और कंधे पर हल लिए पति की कहानी

शाहपुर नगर की यह जोड़ी न केवल पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभा रही है, बल्कि समाज में एक उदाहरण पेश कर रही है कि कैसे आधुनिक युग में पुरुष और महिला दोनों ही बराबरी से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं।

Story of Shahpur Nagar Panchayat: शाहपुर नगर की यह जोड़ी न केवल पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभा रही है, बल्कि समाज में एक उदाहरण पेश कर रही है कि कैसे आधुनिक युग में पुरुष और महिला दोनों ही बराबरी से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं।

  • हाइलाइट : Story of Shahpur Nagar Panchayat
    • बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत की कहानी
    • पत्नी वार्ड पार्षद, कंधे पर हल लिए अन्नदाता की भूमिका निभाते पति

आरा/शाहपुर: भारतीय समाज में पारिवारिक भूमिका और जिम्मेदारियाँ अक्सर परंपराओं और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार निर्धारित होती हैं। परंतु, आज के युग में यह परिदृश्य धीरे-धीरे बदल रहा है। बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत से एक नई कहानी सामने आ रही है, जहाँ पत्नी वार्ड पार्षद के रूप में समाज सेवा के कार्यों में व्यस्त रहती हैं, वही इनके पति अन्नदाता की भूमिका निभाते सुबह सवेरे अपने कंधे पर हल उठाकर खेतों की ओर निकल पड़ते है। यह दांपत्य जीवन का एक अद्वितीय उदाहरण है, जहाँ दोनों अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या -3 निवासी भूटेली महतों की पत्नी देवन्ती देवी जो वार्ड पार्षद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए समाज के प्रति अपनी निस्वार्थ सेवा का परिचय देती हैं। इधर, उनके पति भूटेली महतों पारंपरिक कृषि कार्य को अपनाते हुए न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण करते है, बल्कि कृषि के माध्यम से समाज को भी खाद्य सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।

इस दांपत्य जीवन में दोनों की भूमिकाएँ एक-दूसरे की पूरक हैं। पत्नी के समाज सेवा के प्रयासों को पति का समर्थन मिला है, और पति की मेहनत से परिवार को स्थिरता प्राप्त हो रही है। यह समर्पण और सहयोग एक सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में अग्रसरता को दर्शाता है।

शाहपुर नगर पंचायत की यह जोड़ी न केवल पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभा रही है, बल्कि समाज में एक उदाहरण पेश कर रही है कि कैसे आधुनिक युग में पुरुष और महिला दोनों ही बराबरी से अपने कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं। इनके प्रयास समाज को यह सिखाते हैं कि सहयोग और समर्पण के माध्यम से हम एक सशक्त और समृद्ध समुदाय का निर्माण कर सकते हैं। इस तरह की सोच और कार्यों की आवश्यकता आज के समाज में विशेष रूप से महसूस की जा रही है, ताकि हम सब मिलकर एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।

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