Strike against NGO : नगर पंचायत शाहपुर के सफाई कर्मियों ने खाते में मानदेय, पीएफ व सफाई किट के लिए सफाई कार्य छोड़ एनजीओ के विरुद्ध हड़ताल पर बैठ गये है।
- हाइलाइट : Strike against NGO
- सफाई कर्मियों ने खाते में मानदेय, पीएफ एवं मजदूरों के सेफ़्टी को लेकर सफाई छोड़ शरू किया हड़ताल
- नगर पंचायत सरकार भवन कार्यालय के बरामदे में बैठकर सफाई कर्मियों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया
Strike against NGO आरा/शाहपुर: नगर पंचायत शाहपुर के सफाई कर्मियों ने खाते में मानदेय, पीएफ व सफाई किट के लिए सफाई कार्य छोड़ एनजीओ के विरुद्ध हड़ताल पर बैठ गये है। नगर पंचायत सरकार भवन कार्यालय के बरामदे में बैठकर सफाई कर्मियों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया एवं अपनी मांगों को लेकर सफाई कर्मियों ने विरोध जताया। इधर, सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से नगर क्षेत्र की सफाई व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है।
भुगतान सम्बन्धी व अन्य कई आरोप
Strike against NGO इधर खबर लिखे जाने तक, सुबह से छः बजे से बैठे सफाई कर्मियों की समस्या को सुनने और इसका समाधान निकालने के लिए नगर पंचायत कार्यालय में ना कोई अधिकारी ना ही जनप्रतिनिधि और ना ही एनजीओ के कर्मी पहुंचे थे। जहां दर्जनों की संख्या में उपस्थित सफाई कर्मियों ने मीडिया कर्मियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखी। सफाई कर्मियों ने नगर पंचायत के सफाई एनजीओ पर आरोप लगाया कि उन लोगों के मजदूरी से काटा जा रहा पूरे महीने का पीएफ का पैसा उनके खाते में नहीं दिख रहा है। साथ हीं भुगतान सम्बन्धी अन्य कई आरोप भी लगाए।
एनजीओ द्वारा कि जा रही गड़बड़ी – सफाई कर्मी
इधर, मानदेय, पीएफ एवं मजदूरों के सेफ़्टी के सम्बंध में नगर पंचायत शाहपुर के सफाई कर्मी प्रेम कुमार ने बताया कि वह विगत कई वर्षों से यहां कार्यरत है। इस दौरान वह कई एनजीओ के साथ काम किया कोई समस्या नहीं रही। लेकिन ऐसा एनजीओ पहली बार आया है जो मजदूर के पैसों पर डाका डाल रहा है और उनके भविष्य के साथ खेल कर रहा है। तथा जान जोखिम में डालकर उन्हे काम करना पड़ रहा है। बताया कि पहले खाता में पैसा आता था। सफाईकर्मियों का पीएफ कटता है। विभागीय आदेश के अनुसार सफाईकर्मियों के पीएफ के लिए कुल मजदूरी से 12% और 13% एनजीओ से लिया जाता है। जिसमें से 1% प्रोसेसिंग चार्ज कटता है। बाकी के 24% सफाईकर्मियों के खाते में जमा किया जाता है। लेकिन जब से मुजफ्फरपुर के एनजीओ प्रताप सेवा संकल्प को यह जिम्मेवारी मिली है तब से गड़बड़ी की जा रही है। खाते में पैसा का भुगतान नहीं किया जाता है। सफाई किट भी नहीं दिया जा रहा है और कहा जा रहा है की काम करो नहीं तो हटा दिया जाएगा।
समझौता से मुकरा एनजीओ
इधर, कई सफाईकर्मियों ने खाते में भुगतान व अपने मजदूरी से पीएफ के नाम पर काटे गए रुपये में गड़बड़ी का आरोप एनजीओ पर लगाया है। सफाई कर्मियों ने कहा कि बीते 13 मई को हड़ताल के दौरान एनजीओ अधिकारी व सफाई कर्मियों के बीच समझौता हुआ था कि सफाई कर्मचारियों के बकाया का भुगतान खाते में भेज दिया जाएगा, लेकिन अब तक कर्मचारियों को कोई भुगतान खाते में नहीं किया गया। इसी कारण फिर से हड़ताल शुरू कर दिया गया है। सफाई कर्मियों ने सफाई एनजीओ से समस्त बकाया भुगतान करने की मांग की है। अन्यथा की स्थिति में सफाई कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन के लिए काम बंद कर शांतिपूर्ण हड़ताल पर रहने को विवश है।