Friday, April 26, 2024
No menu items!
Homeकरियरशिक्षाशिक्षक बेहतर सोच के साथ अपने कर्तव्यों का करे निर्वाहन-मो. खुर्शीद आलम

शिक्षक बेहतर सोच के साथ अपने कर्तव्यों का करे निर्वाहन-मो. खुर्शीद आलम

Teacher parent seminar in Gundi: बड़हरा प्रखंड के गुंडी में शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

खबरे आपकी बिहार/आरा: बड़हरा प्रखंड के मध्य सह उच्च उत्क्रमित विद्यालय गुंडी में शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वर्ग 5 की शिक्षिका राधिका कुमारी, वर्ग 4 की शिक्षिका रुबी कुमारी एवं वर्ग 3 के शिक्षक दीपेश कुमार मौजूद रहें। उन्होंने अभिभावकों से बात करते हुए समझाने का प्रयास किया कि नवाचारी शिक्षा को वर्तमान जीवन से आप अपने बच्चों को कैसे सोच और समझ का विकास करते हैं। यह महत्वपूर्ण है।

23
23

Teacher parent seminar in Gundi विद्यालय के प्रधानाध्यापक मो. खुर्शीद आलम ने बताया कि मैं अपने विद्यालय में बच्चों के बचपन को संजोते हुए कैसे आनंद पूर्वक माहौल में नवाचारी शिक्षण पद्धतियों को अपनाते हुए अधिगम (सीखना) को बाहरी दुनिया से जोड़ते हुए कैसे सृजनात्मकता को विकसित कर पा रहा हूं।

सृजनात्मकता को विकसित करने में वर्तमान नवाचारी शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा बिना बोझ के (लर्निंग बिदाउट बर्डेन) पाठ्यचर्या के धरातल पर सही तरीके से उतारने के लिए इस प्रकार आनंद पूर्वक माहौल बच्चों को देना होगा। शिक्षकों के साथ बेहतर पर्यावरण में छात्र-छात्राओं को जोड़े रखना। वर्तमान नई शिक्षा नीति 2020 एवं एनसीएफ-2005 का मुख्य लक्ष्य है।

प्रधानाध्यापक श्री आलम ने बताया कि सामाजिक सांस्कृतिक एवं भाषाएं उपलब्धियों का सबसे बड़ा केंद्र विद्यालय होता है। शिक्षक स्काफ फोल्डिंग (मदद करना) के लिए बच्चों को सुरक्षित माहौल में अंतरक्रिया जितना अधिक करेंगे। बच्चों में सीखना (अधिगम) बेहतर होगा। आज गणितीय विकास पर संगोष्ठी का विषय केंद्रित था। जिस पर श्री आलम ने प्रकाश डालते हुए कहा कि गणितीयकरण करना मेरा उद्देश्य है।

बच्चों में “अमूर्तन” का विषय तभी संभव है। जब किताबों से अलग बच्चों के दिनचर्या और बाहरी दुनिया से जोड़े रखना होगा।, टीएलएम का भरपूर उपयोग, आनंद पूर्वक माहौल में बनाए। नवाचारी शिक्षण को अपनाते हुए सृजनात्मकता विकसित किया जाए। राष्ट्रीयता और लोकतांत्रिक उद्देश्यों को बच्चों के जीवन से जोड़ा जाए और यह सब उद्देश्यों की प्राप्ति तभी संभव है जब एक शिक्षक बेहतर सोच समझ के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ करें।

- Advertisment -
Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

Most Popular

Don`t copy text!