भतीजे के कत्ल के गवाह की हत्या कर शव को पेड़ से लटकाया
कृष्णागढ़ थाना क्षेत्र के सरैया गांव की शुक्रवार तड़के की वारदात
गांव के बाधार स्थित बगीचे में आम के पेड़ से लटका मिला शव
रस्सी से गला घोंट और अंडकोष दबा कर हत्या किये जाने की आशंका
परिजनों का आरोप: मुकदमा सुलह नहीं करने पर की गयी हत्या
घटना के कारणों की तफ्तीश और आरोपितों की धरपकड़ में जुटी पुलिस
आरा। भोजपुर के कृष्णागढ़ थाना क्षेत्र के सरैया गांव में गुरुवार की रात केस सुलह नहीं करने पर एक किसान की हत्या कर दी गयी। शुक्रवार की सुबह करीब पांच बजे उनका शव गांव के बाहर बागीचे में आम के पेड़ से लटका मिला। घटनास्थल से कुछ दूरी पर उनका चप्पल भी मिला है। लेकिन मोबाइल नहीं मिला है। मृत किसान सरैया गांव निवासी पारसनाथ यादव के 42 वर्षीय पुत्र विनोद यादव थे। वह अपने भतीजे की हत्या के मुख्य गवाह थे। उनकी रस्सी से गला घोंट और अंडकोष दबा कर हत्या किये जाने की आशंका जताई जा रही है। परिजन गांव के ही कुछ लोगों पर घर से बुला कर ले जाने के बाद हत्या करने और शव को पेड़ से लटकाने का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना था कि आरोपितों द्वारा केस उठाने का दबाव दिया जा रहा था। इससे मना करने पर हत्या कर दी गयी। इसे लेकर छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है। वहीं हत्या और शव मिलने से गांव में सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर कृष्णागढ़ थाना इंचार्ज अरविंद कुमार मौके पर पहुंच गये और छानबीन शुरू कर दी। बाद में मुख्यालय डीएसपी विनोद कुमार सिंह भी पहुंचे और अपने स्तर से जांच की। उन्होंने परिजनों से भी पूरी घटना की जानकारी ली। वहीं एसपी संजय कुमार सिंह की पहल पर डॉग स्क्वायड की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और जांच की। उसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। पुलिस हत्या के कारणों की तफ्तीश और आरोपितों की धरपकड़ में जुटी है। इसे लेकर छापेमारी की जा रही है। थानाध्यक्ष ने बताया कि हर एंगल से छानबीन की जा रही है। आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
केस उठाने को जेल से दी जा रही थी धमकी, गवाही देने से इंकार करने पर कर दी गयी हत्या
तीन रोज पहले कोर्ट में थी गवाही,पैसे देकर सुलह करने का दिया जा रहा था दबाव
डेढ़ साल पूर्व मामूली विवाद में की गयी थी किसान के भतीजे की हत्या
आरा। कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के सरैया गांव निवासी विनोद यादव को जेल से फोन पर केस सुलह करने के लिए केस से दबाव दिया जा रहा था। केस नहीं उठाने पर जान मारने की धमकी दी जा रही थी। इससे इनकार करने पर उनकी हत्या कर दी गयी। उनके परिजनों द्वारा यह आरोप लगाया गया है। दामाद अविनाश कुमार ने बताया कि डेढ़ साल पहले उनके भतीजे ब्रजेश यादव की हत्या कर दी गयी थी। उस मामले को लेकर पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। तब पुलिस ने सभी आरोपितों को जेल दिया गया था। उसमें तीन फिलहाल जमानत पर हैं। जबकि दो जेल में ही हैं। विनोद यादव केस के मुख्य गवाह थे और सब कामकाज देखते थे। उसे लेकर आरोपितों पक्ष द्वारा जेल में से ही उन्हें पैसा देकर केस सुलह करने का दबाव डाला जा रहा था। इनकार करने पर जान मारने की धमकी भी दी जा रही थी। परिजनों की ओर से पुलिस से इस बात की शिकायत की गयी थी। तीन रोज पहले कोर्ट में केस की गवाही थी। उस दिन भी आरोपितों द्वारा गवाही नहीं देने का दबाव दिया गया था। इसके बावजूद उसके ससुर विनोद यादव कोर्ट गये थे। उसी रंजिश में उनकी हत्या कर दी गयी। बताया जा रहा है कि पिछले साल 26 अप्रैल को दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। उसमें विनोद यादव के भतीजे ब्रजेश यादव की लाठी डंडे और रॉड से मारपीट कर जख्मी कर दिया गया था। दो दिन बाद इलाज के दौरान ब्रजेश यादव की पटना में मौत हो गयी थी। बहरहाल पुलिस पूरे मामले की हर एंगल से तफ्तीश कर रही है। मृतक के मोबाइल सीडीआर भी खंगाला जा रहा है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पायेगा।
हत्या के मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज, छह लोग आरोपित
सरैया गांव निवासी विनोद यादव की हत्या को लेकर प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है। भाई तेजनारायण यादव के बयान पर गांव के ही छह लोगों को नामजद किया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है की सरैया गांव के पिंटू यादव गुरुवार की रात करीब दो बजे विनोद यादव को बुलाने घर आया था। उसके बाद विनोद यादव उसके साथ चला गया। इसी बीच शुक्रवार की सुबह गांव के बागीचा में आम के पेड़ से उसका शव लटकता देखा गया। प्राथमिकी में पिंटू यादव साजिश के तहत हत्या कर साक्ष्य मिटाने के लिए आत्महत्या करने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। प्राथमिकी के आधार पर पुलिस घटना की छानबीन और आरोपितों की गिरफ्तारी में जुट गई है।
परिजनों की मांग पर पुलिस ने मंगाई डॉग स्क्वायड की टीम
सरैया गांव के बागीचे मे पेड़ से लटके विनोद यादव मिलने से गांव में सनसनी मच गयी।
शुरू में पुलिस उसे खुदकुशी मान रही थी। लेकिन परिजन हत्या बता रहे थे। इसे लेकर वरीय अफसरों और डॉग स्क्वायड की टीम बुलाने की मांग करने लगे। उसे देखते हुए पुलिस की ओर से डॉग स्क्वायड की टीम भी बुलाई गयी। टीम घटनास्थल पर पहुंचने के बाद काफी देर तक इधर-उधर घूमती रही। लेकिन इससे किसी तरह की कामयाबी मिलती नजर नहीं मिली। उसके बाद परिजन गोलबंद होकर आरा एसपी से मिलने चले गए।
हत्या से घर में मचा कोहराम, गांव में तनाव
इधर, किसान विनोद यादव की हत्या से उनके घर में कोहराम मच गया है। बताया जा रहा है कि किसान अपने दो भाई और एक बहन न में सबसे छोटे थे। उनके परिवार में पत्नी अनीता देवी, पुत्र गोलू , हिमांशु ,अमन और एक पुत्री छोटी है। घटना के बाद पत्नी अनीता देवी सहित परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।