महाविद्यालय एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आभासी योग सत्र का आयोजन
बामपाली स्थित मां आरण्य देवी बीएड कॉलेज में आयोजित हुआ कार्यक्रम
आरा जिले के वामपाली स्थित मां आरण्य देवी बीएड कॉलेज में विश्व योग दिवस के अवसर पर आभासी योग सत्र का आयोजन महाविद्यालय एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। योग सत्र का शुभारंभ संजीव झा एवं व्याख्याता अनिल कुमार पांडेय के स्वस्तिवाचन से हुआ। आभासी योग सत्र का संचालन प्रातः 6:15 से 8: 40 मिनट के मध्य हुआ।
आभासी योग सत्र (वर्चुअल योगा सेशन) दो खंडों प्रथम क्रियात्मक दूसरा सैद्धांतिक पक्ष में संचालित हुआ। क्रियात्मक अथवा व्यवहारिक पक्ष में दो प्रशिक्षक डॉ. सुशील कुमार एवं श्री संजीव कुमार पांडेय ने मंच संचालन किया। प्रथम सत्र में सर्वप्रथम ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी क्रॉस कंट्री 2012-13 में एथलेटिक पुरस्कारों समेत अन्य पुरस्कार विजेता डाॅ. सुशील कुमार ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, अनुलोम विलोम, पद्मासन, पश्चिमोत्तानासन, चक्रासन, शलभासन, भुजंगासन का अभ्यास कराया एवं गेम के महत्व पर सूची ध्यान रखने योग्य बातों पर भी ध्यान आकृष्ट कराया।
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प्रथम सत्र में विद्या भारती शिक्षण संस्थान के विभिन्न विद्यालयों में योग शिक्षा के मार्गदर्शक डॉ. संजीव कुमार पांडेय ने विभिन्न योगासनों गोमुखासन, नौकासन, विरासन, भुजंगासन का अभ्यास कराया। साथ ही ध्यानात्मक एवं व्यायामात्मक आसनों में अंतर स्पष्ट किया। उन्होंने एक समय पर कुछ समय ध्यान में लीनता एवं चित्त साधना की शांति का अनुभव कराया। व्यवहारिक पक्ष की समाप्ति के बाद प्रेरणादाई उद्बोधन एवं मार्गदर्शन के लिए द्वितीय सत्र का संचालन दो मूर्धन्य विद्वानों डॉ. वीके शर्मा एवं डॉ. जेपी यादव के द्वारा हुआ।
द्वितीय सत्र के प्रथम वक्ता एसपी कालेज झरिया धनबाद के डॉ. विजय कुमार शर्मा ने योग की शक्ति का परिचय कराते हुए मनोकायिक प्रणाली का समाकलन किया। डॉ. शर्मा ने योग के अंग, यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि शीर्षक के अंतर्गत विभिन्न अंतरंगो एवं बड़ी रंगो का परिचय कराया एवं उन्होंने पित्त के नाम एवं संस्कार में योग की क्रियाशीलता पर प्रकाश डाला। इतना ही नहीं उन्होंने महामारी के समय विभिन्न प्रकार के योग साधना के प्रयोग की चर्चा की एवं व्यवहारिक प्रमाण प्रस्तुत किए, साथ ही साथ उन्होंने विभिन्न-विभिन्न व्यायामों को करके भी दिखाया। उन्होंने कर्म की कुशलता मन की शांति एवं योग के अन्य प्रणालियों की भी चर्चा की।
द्वितीय सत्र के दूसरे वक्ता डॉ. विजय जेपी यादव, मगध कॉलेज बोधगया से व्याख्यान दिया। डॉ. यादव ने योग की थीम जो कि वर्तमान संदेश- “घर पर योग, परिवार के साथ योग” की चर्चा की। उन्होंने योग के भारती दर्शन का भी परिचय कराया योग साधना से संबंधित योग की चार धाराओं कर्म योग, भक्ति योग, ज्ञान योग, राजयोग की अवधारणा स्पष्ट की। उन्होंने तार्किक रूप से चिंतन व विश्लेषण करके शरीर मन बुद्धि भाव स्तर पर मानव व्यक्तित्व के निर्माण के प्रारूप को प्रकाशित किया। उन्होंने सद्भाव एवं शांति सत्य एवं अहिंसा की प्रासंगिकता योग के साथ जोड़ी।
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कार्यक्रम के संयोजक डॉ. महेंद्र सिंह ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर योग के परम चैतन्य तत्वों की चर्चा की। उन्होंने जानकारी दी कि उक्त कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न राज्यों के अध्यापकगण एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों सहित 430 लोगों ने पंजीकरण कराया एवं जूम लिंक आईडी के माध्यम से 100 लोगों ने हिस्सा लिया एवं यूट्यूब लिंक के माध्यम से 130 लोगों ने प्रतिभाग किया।
मंच संचालन उमेंद्र ने किया। परामर्शदाता के रूप में राजेश राजमणि ने सहयोग दिया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रशिक्षक अनिल कुमार पांडेय, कृष्ण कुमार सिंह एवं चन्द्रेश कुमार ने भी अभूतपूर्व सहयोग दिया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के संरक्षक भगवानदास ने उत्साह वर्धन किया। आनंद रमण ने सभी प्रतिभागियों आयोजकों का धन्यवाद ज्ञापन एवं नंद किशोर त्रिपाठी के शांति वाचन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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