Shahpur Block Chief: गीता बनी शाहपुर की निर्विरोध प्रमुख व संगीता निर्विरोध उपप्रमुख
शाहपुर में पिछले 20 वर्षों से प्रमुख की कुर्सी पर महिलाओं का दबदबा
पहली बार शाहपुर में प्रमुख व उपप्रमुख की कुर्सी महिलाओं के हिस्से
खबरे आपकी बिहार/भोजपुर/शाहपुर: शाहपुर में गीता और संगीता की जोड़ी ने रचा नया इतिहास। गीता के सिर सजा प्रखंड प्रमुख का ताज तो संगीता के हाथ आया उप प्रमुख का पद। दोनों ही पद शाहपुर के इतिहास में पहली बार एक साथ महिलाओं को गया। वही दूसरा इतिहास निर्विरोध प्रखंड प्रमुख एवं प्रमुख पद पर जीत दर्ज करने के बाद हुई। शाहपुर के इतिहास में पहली बार प्रखंड प्रमुख एवं प्रमुख की कुर्सी पर निर्विरोध चुनाव हुआ और दोनो पद महिलाओं को गया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जगदीशपुर अनुमंडल कार्यालय में शाहपुर प्रखंड के प्रमुख चुनाव के लिए सभी नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया। जिसके बाद चुनाव के लिए एसडीएम सिमा कुमारी द्वारा घोषणा की गई। जिसमें प्रखंड प्रमुख के लिए करजा पंचायत से नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्य गीता देवी ने नामांकन दाखिल किया। वही उपप्रमुख पद के लिए प्रसौन्डा पंचायत से पंचायत समिति पद निर्वाचित संगीता देवी ने उपप्रमुख के पद के लिए दावेदारी पेश की। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रखंड के सभी पंचायतो के नवनिर्वाचित 28 पंचायत समिति सदस्य उपस्थित रहे।
पढ़ें: राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी को फोन कर दी गाली
Shahpur Block Chief: इस बार उपप्रमुख की कुर्सी भी पुरुषों के हाथ से गई
शाहपुर के प्रखंड उप प्रमुख की कुर्सी पहली बार महिलाओं के खाते में पहुंचा। पिछले 20 वर्षो के दौरान प्रखंड उप प्रमुख की कुर्सी पर पुरुषों का कब्जा चला रहा था जो इस बार समाप्त हो गया। वर्ष 2001 से 2006 तक रामदेव राम, 2006 से 2011 तक अमर प्रताप सिंह, 2011 से 2016 तक कमलेश कुमार सिंह तथा 2016 से 2021 तक संतोष पासवान उप प्रमुख की कुर्सी पर काबिज रहे।
शाहपुर में प्रमुख की कुर्सी पर महिलाओं का कब्जा बरकरार
शाहपुर प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर एक बार फिर महिला का हुआ कब्जा। शाहपुर में यह एक इतिहास बन गया कि वर्ष 2001 से पंचायती राज व्यवस्था के तहत शुरू हुई त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रखंड प्रमुख का चुनाव पंचायत समिति के सदस्यों द्वारा चुना जाता था। तब से लेकर अबतक शाहपुर प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर महिलाओं का ही साम्राज्य अनवरत जारी है।
वर्ष 2001 में ईश्वरपुरा पंचायत की पंचायत समिति सदस्य मुन्नी देवी विजयी होती है और लगातार दो बार 2011 तक प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर राज करती। उनके ठीक बाद इसी स्थान से वीणा देवी 2011 के पंचायत चुनाव में पंचायत समिति सदस्य के पद पर चुनाव में जीत हासिल करती है और प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर 2016 तक काबिज रहती है। उसके यह पद सरकार के रोटेशन पॉलिसी के तहत पिछड़ा वर्ग के श्रेणी में चला जाता है। जिसके बाद 2016 में गौरा पंचायत से पंचायत समिति सदस्य के पद पर जीत दर्ज करने वाली महिला उर्मिला देवी प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर 2021 तक विराजती रही।
शिवाजीत मिश्र की बहू बनी उपप्रमुख
शाहपुर प्रखंड उपप्रमुख की कुर्सी पर निर्विरोध चुने जाने वाली संगीता देवी दियारांचल क्षेत्र कारनामेपुर ओपी के सोनवर्षा गांव निवासी ब्रजेश मिश्र की पत्नी है और पहलवान के नाम से चर्चित शिवाजीत मिश्रा की पुत्रबधू है। ब्रजेश मिश्र फिलहाल हत्या के मामले में जेल में बंद है। संगीता देवी शाहपुर प्रखंड उपप्रमुख चुने जाने वाली पहली महिला उपप्रमुख है।
नवनिर्वाचित प्रमुख व उपप्रमुख को दी गई बधाइयां
शाहपुर में प्रखंड प्रमुख एवं उपप्रमुख निर्विरोध चुने जाने के बाद गीता देवी एवं संगीता देवी बधाई देने वालो का तांता लग गया। बधाई देने वालों में विधायक राहुल तिवारी उर्फ मंटू तिवारी, शाहपुर नगर पंचायत की मुख्यपार्षद जुगनू देवी, उपमुख्यपार्षद रमेश राम जिप सदस्य पंडित गंगाधर पांडे, कृष्णा देवी, डीलर संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह, दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष मंटू दुबे, जदयू अध्यक्ष उमेश चंद्र पांडे, पूर्व नगर पंचायत मुख्यपार्षद विजय सिंह, समाजसेवी बिनोद तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, राजेश मिश्रा, प्रमोद ओझा, महावीर ओझा, धनंजय पांडे, भाजपा नेता अंकित पांडे, शिक्षविद श्याम नंदन ओझा, राजद अध्यक्ष शिवप्रसन्न यादव, श्याम सुंदर कुशवाहा, मुखिया बीरबल सिंह, सोनू सिंह सहित कई गणमान्य लोग शामिल रहे।
शाहपुर के प्रमुख की कुर्सी पर एक गांव 15 वर्षो तक रहा है कब्जा
शाहपुर: शाहपुर के प्रखंड प्रमुख की कुर्सी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के शुरू होने के बाद कभी पुरुषों की नही हो सकी। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के लागू होने के बाद से ही शाहपुर प्रखंड प्रमुख की महिलाओं के कब्जे में रही। हालांकि इसमें प्रखंड के ईश्वरपुरा पंचायत के ओझवलिया गांव के महिलाओं का दबदबा रहा। जिन्होंने वर्ष 2001 से 2016 तक लगातार राज किया। जिसमें मुन्नी देवी दो बार और वीणा देवी एक बार प्रखंड प्रमुख बनी। यानी लगातार 15 वर्षो तक प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर एक ही गांव का कब्जा रहा।
पढ़ें: आरा ऑर्केस्टा संचालक कांड: पत्नी हेमा पांडेय बोली पति ने की खुदकुशी
पढ़ें: मोबाइल सर्विलांस से खुला राज: प्रेमिका से मिलने मुंबई गया था चार बच्चों का बाप