Use of mobile in Arrah Jail: खबरे आपकी
- हाईलाइट
- जेल में मोबाइल का इस्तेमाल करने में कुख्यात सहित 14 बंदियों के खिलाफ प्राथमिकी
- जेल से ही मोबाइल के जरिए आपराधिक षड़यंत्र व घटना को दे रहे अंजाम कुख्यात
- प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बंदियों पर शिकंजा कसने में जुटा जेल प्रशासन
- सभी आरोपित बंदियों को दूसरे जेल भेजने की चल रही तैयारी
खबरे आपकी आरा। आरा मंडल कारा में मोबाइल सहित सहित अन्य आपत्ति जनक सामान मिलने के बाद कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। सहायक जेलर व कक्षपाल के निलंबन के बाद बंदियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। इस मामले में जेल में कुख्यात 14 बंदियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इनमें कुख्यात धनजी यादव, मिठाई उर्फ दिनेश यादव, धर्मेंद्र यादव, छोटू यादव, डबल यादव, आशीष पासवान, चेतन राय, अविनाश पासवान, डोमन यादव, नारद यादव, दीपक धानुक, विनोद धानुक और ऋषभ वर्मा को आरोपित किया गया है।
इनमें दीपक धानुक, विनोद धानुक और ऋषभ वर्मा शाहपुर नपं के पूर्व चेयरमैन की हत्या में आरोपित हैं। धनजी यादव और मिठाई यादव कुख्यात अपराध कर्मी हैं और हत्या जैसी घटनाओं में आरोपित रहे हैं।
नगर थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष अविनाश कुमार के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि जेल में मोबाइल, सिम, चार्जर और आपत्तिजनक सामान का इस्तेमाल करना अपराध है। इन बंदियों द्वारा मोबाइल का इस्तेमाल कर अपराधिक षड़यंत्र किया जा रहा था। इधर, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जेल प्रशासन की ओर से इन सभी बंदियों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। इन सभी आरोपित बंदियों को दूसरे भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। जेल अधीक्षक संदीप कुमार के अनुसार इन बंदियों को भागलपुर भेजने की अनुशंसा की गयी है। आदेश मिलते सभी को भागलपुर जेल भेज दिया जाएगा।
Use of mobile in Arrah Jail: थ्री लेयर की जांच के बावजूद जेल में कैसे पहुंच जा रहे मोबाइल सहित अन्य सामान
जिला प्रशासन की छापेमारी में मोबाइल और कैश सहित अन्य आपत्तिजनक सामान मिलने के बाद जेल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। जेल में बंद कुख्यात कैदियों द्वारा मोबाइल का इस्तेमाल करना जिले की विधि-व्यवस्था और सुरक्षा के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। हालांकि आपत्तिजनक सामानों की बरामदगी के बाद आनन-फानन में सहायक जेलर और कक्षपाल कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं सात कर्मियों से शोकॉज भी किया गया है। लेकिन जेल प्रशासन की इस कार्रवाई पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि सिर्फ दो कर्मियों को सस्पेंड कर कार्रवाई के नाम पर महज खानापूरी ही की जा रही है।
इधर, सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा कि थ्री लेयर जांच के बाद जेल के अंदर मोबाइल सहित अन्य सामान कैसे पहुंच जा रहे हैं। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि जेल में मुलाकातियों बंदियों की तीन स्तर जांच की जाती है। कैमरे के सामने तलाशी ली जाती है। इसके बावजूद मोबाइल सहित अन्य सामान बंदियों तक पहुंच जा रहे हैं। यह हाल तब है जब जेल में अधिकतर कुख्यात अपराधी बंद हैं। इधर, जेल अधीक्षक का कहना है कि सुरक्षा और जांच को टाइट कर दिया गया है।
जिला प्रशासन की छापेमारी में मिला था मोबाइल सहित अन्य आपत्तिजनक सामान
बता दें कि शाहपुर नपं के पूर्व चेयरमैन वशिष्ठ प्रसाद उर्फ मंटू की हत्या सहित अन्य आपराधिक वारदातों में जेल कनेक्शन आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सोमवार सुबह मंडल कारा में छापेमारी में की गयी थी। उस दौरान जेल से आठ मोबाइल, पांच सिम, चार्जर, तंबाकू सिगरेट और कैश सहित काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामान मिले थे। इधर, डीएम राजकुमार के तेवर भी काफी तल्ख है। उनके ओर से भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। डीएम द्वारा जेल अधीक्षक को जेल की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों एवं जवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया है।