Arrah court punished rapist: आरा सिविल कोर्ट के षष्ठम अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह पास्को के विशेष न्यायाधीश अरबिंद कुमार सिंह ने मंगलवार को 15 वर्षीया दलित लड़की को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के एक मामले एक अभियुक्त को 10 वर्ष सश्रम कैद की सजा सुनाई। न्यायालय ने अभियुक्त पर पचास हजार अर्थ दंड भी लगाया।
मामला पीरो थाना अन्तर्गत सारिपुर गांव का है। आरोपित पीरो के सारीपुर निवासी आरोपी शैलेन्द्र कुमार है। अभियोजन की ओर से एससी/एसटी के विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र सिंह उर्फ दारा ने बहस किया था। उन्होंने बताया कि 26 अगस्त 2017 को पीरो थाना क्षेत्र के 15 वर्षीया दलित लड़की ने थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि उक्त आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करता था। जब दो महीने का गर्भवती हो गई तो उसने शादी करने से इंकार कर दिया।
पुलिस उसका मेडिकल जांच कराई थी तथा पीड़िता का कोर्ट में भी सीआरपीसी के धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराई थी। 7 सितम्बर 2017 को प्रसव के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी। उसके बाद उसके बच्चे की भी मौत हो गई । अभियोजन की ओर से 10 गवाहों की गवाही हुई थी। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद Arrah court punished rapist) (षष्टम अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह पोस्को के विशेष न्यायाधीश श्री सिंह ने भादवि की धारा 376 ( ii) के तहत दोषी पाते हुए आरोपी शैलेन्द्र कुमार को उक्त सजा सुनाई।