Shahpur NGO: नगर की सफाई का कमान संभालने में शाहपुर नगर पंचायत द्वारा चिन्हित एनजीओ फेल साबित हो रहा है। सफाई के नाम पर एनजीओ प्रतिमाह शाहपुर नगर पंचायत से भारी भरकम राशि की वसूली कर रहा है।
- हाइलाइट :- Shahpur NGO
- सफाई की जिम्मेदारी संभालने में फेल है एनजीओ
- गंदगी और कूड़े के ढेर पर बैठा है शाहपुर नगर पंचायत
आरा/शाहपुर: नगर की सफाई का कमान संभालने में शाहपुर नगर पंचायत द्वारा चिन्हित एनजीओ फेल साबित हो रहा है। सफाई के नाम पर एनजीओ प्रतिमाह शाहपुर नगर पंचायत से भारी भरकम राशि की वसूली कर रहा है। लेकिन, अपनी जिम्मेवारी को पूरा करने में यह फेल नजर आ रहा है। एनजीओ के जिम्मे डोर टू डोर कूड़ा उठाव, नाली की सफाई, सिल्ट का उठाव तथा झाड़ू लगाने समेत संपूर्ण सफाई की जिम्मेदारी है। इसके लिए नगर पंचायत प्रतिमाह एनजीओ को 11 लाख 56 हजार की धनराशि निर्गत करती है। लेकिन, नगर का शायद ही ऐसा कोई मोहल्ला हो, जहां सफाई के नाम पर इतनी बड़ी धनराशि खर्च होने का अहसास पब्लिक को हो रहा है।
खबरे आपकी ने जब नगर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया तो नगर में सड़क के किनारे पसरे कूड़े ने सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। दबी जुबान से यह बात भी सामने आई कि सफाई की एक बड़ी धनराशि का बंदरबांट किया जा रहा है। सफाई के नाम पर वार्ड पार्षदों की चुप्पी पर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
सफाई की जिम्मेदारी संभालने में फेल है एनजीओ
शाहपुर नगर पंचायत की सफाई की जिम्मेदारी एक संसाधन विहीन एनजीओ के पास है। एनजीओ के संसाधन के बावत पूछे जाने पर एनजीओ के मुंशी ने अनभिज्ञता जाहीर की। एनजीओ के नाम एवं पंजीकृत कार्यालय का स्थायी पता और कार्य क्षेत्र तक नहीं बता पाया।
क्या कहते है जनप्रतिनिधि
वही नगर के पूर्व उप मुख्यपार्षद गुपतेश्वर साह ने बतलाया की बैगर निविदा के एनजीओ का चयन किया गया है। शाहपुर नगर में एनजीओ का स्थायी पता तक नहीं है। सरकारी रुपयों की बंदर बांट हेतु मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता। यही कारण है की बिना किसी योग्यता के, बिना किसी संसाधन के बाहरी एनजीओ को इतनी बड़ी राशि दी जा रही है।
वार्ड पार्षद ने कहा शाहपुर में कचरा घोटाला का बड़ा मामला
वही वार्ड पार्षद कामेश्वर कुमार ने बताया की शाहपुर में कार्यरत एनजीओ के नाम, पंजीकृत कार्यालय का पता, किस उदेश्य के लिए बना एनजीओ, पूर्व में इनका कौन सा बेहतरीन कार्य रहा है जिसकी बदौलत इनको शाहपुर की जिम्मेवारी दी गई। संसाधन विहीन एनजीओ को आखिर इतनी बड़ी राशि किस एवज में दी जा रही है यह जांच का विषय है । कहा की अगर जांच होती है शाहपुर में कचरा घोटाला का बड़ा मामला सामने आएगा।
बता दें की एनजीओ को नाली की सफाई, निकाले गए सिल्ट का उठाव, झाड़ू से सफाई तथा डोर टू डोर कूड़ा उठाव की जिम्मेदारी दी गई है। बताया जाता है कि रोज होनेवाले इस सफाई को नियमित नहीं किया जा रहा है। लिहाजा, लोग घर का कूड़ा सड़क किनारे फेंकने को मजबूर हैं। न तो नियमित कूड़ा का उठाव हो रहा है, न ही झाड़ू से सफाई हो रही है। जिसके चलते शाहपुर गंदगी और कूड़े के ढेर पर बैठा है।