NGO: एनजीओ के द्वारा शाहपुर नपं के सफाई कर्मियों के खातों में पैसा ना भेजकर नगद इतनी बड़ी धन राशि कहा से लाकर बांटी गई, यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
- हाइलाइट :- NGO
- शाहपुर नपं में 38 सफाई कर्मियों को दो-दो महिना का मानदेय नगद भुगतान
- शाहपुर नपं ऑफिस द्वारा कोई पेमेंट नहीं किये जाने की बात आई सामने
- शाहपुर नपं के पार्षद इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मान रहे है
आरा/शाहपुर:- बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत द्वारा अधिकृत एनजीओ प्रताप सेवा संकल्प के द्वारा श्रम मंत्रालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सफाई कर्मियों को उनके खातों में न भेजकर हाथों-हाथ कैश पेमेंट करना नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतनी बड़ी राशि की निकासी और एक नेता के द्वारा घर से नगद भुगतान करना स्थानीय पार्षद इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मान रहे है। वही शाहपुर नपं के पदाधिकारीयों ने ऑफिस द्वारा कोई पेमेंट नहीं किये जाने की बात कही है।
इधर, प्रताप सेवा संकल्प एनजीओ के मुंशी वीरेंद्र साह ने बताया की न्यूनतम मजदूरी के तहत कुल 38 सफाई कर्मियों को दो-दो महिना का मानदेय नगद दिया गया है। सफाई कर्मी हड़ताल से वापस काम पर लौट आये है। वही सफाई कर्मी द्वारा बताया गया दो महिना के पैसा और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। दो महिना का मानदेय प्रति मजदूर सत्रह हजार के करीब रुपया नगद दिया गया है। अन्य मांगों को बाद में पूरा किया जाएगा। पूछने पर नाम लेकर सफाई कर्मी ने बताया की सभी लोगों को नगद रुपया एक नेता के घर से …… के द्वारा दिया गया है।
बता दें की आर्थिक संकट से जूझ रहे शाहपुर नगर पंचायत के एनजीओ के पास सफाई कर्मचारियों को वेतन बांटने के लिए पैसा नहीं था। दो महीने से वेतन नहीं मिलने से गुस्साए सफाईकर्मी बीते सप्ताह हड़ताल पर चले गए थे। जिससे शाहपुर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई थी। इससे नाराज पार्षदों ने एनजीओ पर सख्त एक्शन लेने की बात कही थी। इधर, एनजीओ ने एक स्थानीय नेता के द्वारा उनके घर से एक ही दिन में 6 लाख रुपये से ज्यादा का कैश पेमेंट सफाई कर्मियों को करा दिया, वह भी आचार संहिता में। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि इसे घोटाले की नजर से देख रहे हैं, वहीं शाहपुर नगर पंचायत के कई पार्षद इसे आचार संहिता का उल्लंघन मान रहे हैं।
खाते में ना देकर नगद भुगतान क्यों
वही एनजीओ के द्वारा शाहपुर नपं के सफाई कर्मियों के खातों में पैसा ना भेजकर नगद इतनी बड़ी धन राशि कहा से लाकर बांटी गई, यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इधर, वार्ड पार्षद सदस्य कामेश्वर राज,संजय चतुर्वेदी सहित अन्य पार्षदों ने बताया की एनजीओ के द्वारा एकरारनामा के शर्तों का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है। कार्यपालक पदाधिकारी से सख्त कारवाई की मांग की जाएगी ।
लोकसभा निर्वाचन 2024 को लेकर लागू है आदर्श आचार संहिता
मालूम हो की लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में राजनीतिक दलों के साथ ही आम जन पर भी तमाम प्रतिबंध लग चुके हैं। विशेषकर किसी भी जरूरी कार्य से पैसे का लेन-देन भी आसान नहीं होगा। एक ओर जहां लोगों के लिए 50 हजार रुपये साथ लेकर चलने पर साक्ष्य रखना होगा तो इसी के साथ ऑनलाइन होने वाले ट्रांजिक्शन के बारे में संपूर्ण जानकारी रखी जाएगी। पैसे का ट्रांजेक्शन किस काम के लिए और क्यों हो रहा है। लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने से लेकर निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करने को लेकर धन-बल के प्रयोग को रोकने को लेकर निर्वाचन आयोग पूरी तरह कटिबद्ध है।
साक्ष्य नहीं तो पैसा होगा जब्त
कोई भी नागरिक 50 हजार रुपये से ज्यादा की नकद धनराशि साथ लेकर चल रहा है, तो उसके संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। नहीं तो पैसा जब्त हो सकता है।