Big scam – Shahpur: शाहपुर नगर पंचायत में एनजीओ की सफाई व्यवस्था में भी घोटाला शुरू हो गया है। यह घोटाला मजदूरों के नाम पर किया जा रहा है।
- हाइलाइट :- Big scam – Shahpur
- चुनाव आचार संहिता के दौरान भारी मात्रा में कैश पेमेंट
- एनजीओ द्वारा सफाई कर्मियों को बैंक एकाउंट में पैसा ना देकर किया नगद भुगतान
- एनजीओ को नियमानुसार कर्मचारी भविष्यनिधि योजना, कर्मचारी राज्य बिमा योजना एवं बोनस से आच्छादित करना था
Big scam – Shahpur आरा/शाहपुर: भोजपुर जिला के शाहपुर नगर पंचायत में एनजीओ की सफाई व्यवस्था में भी घोटाला शुरू हो गया है। यह घोटाला मजदूरों के नाम पर किया जा रहा है। नगर के 11 वार्ड में 38 सफाई मजदूरों की तैनाती का दावा किया गया है, लेकिन मुश्किल से वार्ड में एक-दो मजदूर ही पहुंचते हैं। जबकि एनजीओ को भुगतान 38 मजदूरों के एवज में किया जा रहा है। इस घोटाले में मुख्य पार्षद और नगर पंचायत के कर्मी भी शामिल हैं। वार्ड नंबर 04 के पार्षद कामेश्वर राज ने इस घोटाले का खुलासा किया है। सफाई के एवज में नगर पंचायत की ओर से एनजीओ को हर माह 11 लाख 87 हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है। आरोप है कि सफाई कर्मचारियों का पीएफ भी जमा नहीं किया जा रहा है।
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पार्षद सदस्य कामेश्वर राज ने बताया की शाहपुर नगर पंचायत में एनजीओ व्यवस्था के तहत सभी 11 वार्डों में 38 सफाई कर्मियों को लगाया गया है। हर मजदूर के एवज में नगर पंचायत प्रतिदिन श्रम संसाधन विभाग द्वारा प्रदत न्यूनतम पारिश्रमिक का भुगतान कर रहा है। एनजीओ को सभी सफाई कर्मियों का पारिश्रमिक भुगतान उनके खाता में NEFT/NET Banking द्वारा करना था। एनजीओ को नियमानुसार कर्मचारी भविष्यनिधि योजना, कर्मचारी राज्य बिमा योजना एवं बोनस से आच्छादित करना था। सफाई कर्मियों की सूची एवं संस्था द्वारा प्रतिनियुक्त सुपरवाईजर का मोबाईल नम्बर कार्यालय को उपलब्ध कराना था। साथ ही सफाई कर्मियों को Personal Protective Kit (PPE) जैसे वर्दी, जूता, हँड ग्लब्स, हैड सेनेटाईजर, मास्क, परिचय-पत्र स्वयं सहायता समूह / संस्था द्वारा समय-समय पर या आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराना था। लेकीन एनजीओ एजेंसी प्रताप सेवा संकल्प इसमें फेल साबित हुआ है।
कहा कि मुख्य पार्षद के घर से सफाई कर्मियों को चुनाव आचार संहिता के दौरान भारी मात्रा में कैश पेमेंट किया गया। एनजीओ द्वारा सफाई कर्मियों को बैंक एकाउंट में पैसा ना देकर नगद का भुगतान किया जा रहा है। इस व्यवस्था की आड़ में ही मुख्य पार्षद की मिलीभगत से कमाई का जरिया खोज लिया गया है। सफाई कर्मियों का पीएफ भी गबन किया जा रहा है। वार्डों में मजदूरों की उपस्थिति की जानकारी पार्षदों को नहीं दी जाती है। यहां तक की पार्षदों से एनजीओ के बिल को सत्यापित भी नहीं कराया जाता है।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
उप मुख्य पार्षद झुनीया देवी ने कहा की एनजीओ ने शाहपुर नगर पंचायत की छवि धूमिल की है। खासकर नगर कर्मी भी इसमें शामिल हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एनजीओ पर तो मुकदमा और धनराशि की वसूली होनी चाहिए।
पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा की अफसोस की बात है। पार्षदों के बिना सत्यापन के बिलों का भुगतान किया जा रहा है। अगर सत्यापन हो जाता तो पूरा खेल खुल जाता। इसके लिए दोषी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पूर्व उप मुख्य पार्षद गुप्तेश्वर साह ने कहा सफाई के नाम पर हर माह सात लाख रुपये से ज्यादा का घोटाला हो रहा है। बिना नगर कर्मियों की मिलीभगत से इसे अंजाम नहीं दिया जा सकता है। भ्रष्ट कर्मियों व एनजीओ पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिन्होंने जनता के साथ छल किया और शाहपुर की छवि खराब कर रहे हैं।