Indian Railways – TTE: आरा सदर अस्पताल में गुरुवार को एक मामला प्रकाश में आया है, जिसने रेल प्रशासन के वायदों को खोखला साबित कर दिया है।
- हाइलाइट : Indian Railways – TTE
- टीटीई की गैर-जिम्मेदाराना कृत्य से भारतीय रेल प्रशासन की गरिमा धूमिल
- दो जगह पैसा लेकर ट्रेन में सीट नहीं देने का लगाया आरोप
- गर्भवती पत्नी का सदर अस्पताल में कराया गया डिलीवरी, नहीं बचाया जा सका नवजात की जान
- निजी सुरक्षाकर्मियों एवं लोगों ने चंदा वसूल कर दंपति को भेजा असम
- मृत नवजात शिशु का कभी कराया अंतिम संस्कार
Indian Railways – TTE आरा: सदर अस्पताल में गुरुवार को एक मामला प्रकाश में आया है, जिसने रेल प्रशासन के वायदों को खोखला साबित कर दिया है। ट्रेन में यात्रा के दौरान टीटीई की करतूत ने भारतीय रेल प्रशासन की गरिमा को क्षति पहुचाने का कृत्य सामने आया है। दरअसल असम का रहने वाला संजीव गोगई अपनी गर्भवती पत्नी राजश्री तमूली के साथ दिल्ली से 11अक्टूबर को ब्रह्मपुत्र मेल से अपने घर असम लौट रहा था, उसकी गर्भवती पत्नी के प्रसव का आखिरी महीना चल रहा था। इसलिए वह अपनी पत्नी को लेकर अपने परिवारों के बीच जा रहा था, ताकि उसकी पत्नी का डिलीवरी के दौरान घर वाले उसके साथ हो। लेकिन अचानक प्रसव पीड़ा की वजह से उसे आरा स्टेशन ही उतरना पड़ा और आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रसव पीड़ा से कराहती उसकी हालत खराब होने लगी। महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन डिलीवरी के बाद उसका बच्चा (नवजात) नहीं बच पाया। जिसे लेकर संजीव गोगई ने रेलवे प्रशासन पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है। संजीब गोगई ने बताया कि वो और उसकी पत्नी पिछले छह महीनों से हरियाणा में एक मोबाइल कंपनी में जॉब करते है। शादी के बाद दोनों हरियाणा चले गए और जॉब करने लगे। जब पत्नी का नौवां महीना शुरू हुआ, तो संजीव अपनी पत्नी को घर लाना चाहता था, ताकि डिलीवरी के दौरान उसका परिवार उसके साथ हो। जिसके बाद दोनों रेवाड़ी रेलवे स्टेशन से दिल्ली आए थे, जहां दोनों जेनरल टिकट लेकर ब्रह्मपुत्र मेल में चढ़ गए।
संजीव ने बताया कि ब्रह्मपुत्र मेल के जेनरल डिब्बे में भीड़ बहुत अधिक थी, इसलिए वे थर्ड एसी क्लास में अपनी पत्नी को लेकर चला गया। एसी कोच में अपनी पत्नी को लेकर बैठा था, तभी एक टीसी द्वारा उसे फाइन लगाया गया। टीटीई ने दंपति से दस हजार रुपए ले लिए और सीट भी नहीं दिया। पैसा लेने के बाद जो सीट किसी अन्य के नाम पर रजिस्टर्ड थी, उसी जगह पर दोनों को बैठा दिया। काफी देर तक दोनों दंपति उसी सीट पर सफर किए। लेकिन थोड़ी देर बाद उस सीट पर कुछ लोग आ गए और टीटीई ने संजीव और उसकी गर्भवती पत्नी को एसी कोच से ही उतार दिया।
उसके बाद संजीव अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर स्लीपर में बैठा। इसके बाद संजीव ने बताया कि जब स्लीपर में बैठा तो वहां भी एक दूसरे टीटीई ने फाइन लगा दिया। जिसके बाद संजीव ने उस टीसी को पांच हजार रुपए दिए। पूरे पंद्रह हजार रुपए जुर्माना भरने के बाद संजीव अपनी पत्नी को लेकर बक्सर पहुंचा। तभी उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होना शुरू हो गया। लेकिन संजीव के पास अब पैसे नहीं थे। और न रेलवे की ओर से भी कोई मदद मिली। जिसके बाद ट्रेन में सफर कर रहे लोगों ने मदद की और उनकी मदद से संजीव अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा। जहां उसकी पत्नी का डिलीवरी हुआ। लेकिन उसका बच्चा (नवजात) नहीं बच पाया।
घटना के बाद आरा सदर अस्पताल में तैनात निजी सुरक्षा बलों ने सुपरवाइजर रवींद्र सिंह और उनकी टीम ने मानवता का मिसाल पेश किया। सभी गार्ड ने चंदा एकत्रित कर दंपति को उनके घर भेजने की व्यवस्था की। इतना ही नही मृत नवजात शिशु का अंतिम संस्कार भी कराया है।
बता दें कि बरुआ संगमय के दीमो शिव सागर के रहने वाले गुनेन गोगई के पुत्र संजीव गोगई और उसकी पत्नी राजश्री तमूली पिछले छह महीनों से हरियाणा में थे। दोनों ने 2021 के जनवरी माह में शादी की थी। इस घटना को लेकर संजीव ने रेलवे प्रशासन और टीसी पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है। हालांकि इस मामले में रेल प्रशासन का बयान मिल नहीं पाया है।