Septic tank – Shahpur: शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या-08 निवासी अशोक कुमार दुबे ने सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा किया था, लेकिन नगर कार्यालय ने सेप्टिक टैंक सफाई अनुपलब्धता को लेकर उनके दिए पैसे को एक सप्ताह के बाद लौटा दिया।
- हाइलाइट : Septic tank – Shahpur
- शाहपुर नगर पंचायत में सेप्टिक टैंक सफाई का मुद्दा एक गंभीर समस्या:- मुन्ना तिवारी
Septic tank – Shahpur आरा: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में सेप्टिक टैंक की सफाई एक गंभीर समस्या बन गई है। नगर कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा करके नागरिक अपनी सेप्टिक टैंक की सफाई कराने की प्रक्रिया का पालन करते हैं, किंतु वास्तविकता इससे कहीं भिन्न है। यहां के निवासियों की जेबों से रुपये तो वसूल किए जाते हैं, परंतु सफाई के कार्य की अनुपलब्धता ने स्थिति को अत्यंत निराशाजनक बना दिया है।
नगर पंचायत के वार्ड संख्या-08 निवासी अशोक कुमार दुबे ने सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा किया था, लेकिन नगर कार्यालय ने सेप्टिक टैंक सफाई अनुपलब्धता को लेकर उनके दिए पैसे को एक सप्ताह के बाद लौटा दिया। आश्चर्य की बात तो यह है कि दस फीट से अधिक चौड़ी गलियों में स्थित सेप्टिक टैंक के लिए सफाई मशीनों का पहुंचना संभव है, फिर भी इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जहां मशीनों की खरीदारी का खर्च लाखों में है। परंतु सार्वजनिक सेवाओं का सही ढंग से लाभ नगर के लगों को नहीं दिया जा रहा है।
शाहपुर नगर पंचायत में सेप्टिक टैंक सफाई का मुद्दा एक गंभीर समस्या बन गई है। मशीनों की खरीदारी में लाखों खर्च होने के बावजूद इसका लाभ आम जनता को नहीं दिया जा रहा है। सनद रहे कि हाथ से मैला ढोना एक दंडनीय अपराध है। जिसके लिए 2 से 5 साल की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। नगर में सेप्टिक टैंक सफाई मशीनों की रखरखाव की बेहतरी की नितांत आवश्यकता है। लेकिन नगर कार्यालय परिसर में रखें सेप्टिक टैंक सफाई मशीनों को देखकर यह स्पष्ट होता है कि नगर प्रशासन की लापरवाही और असामर्थ्य ने नागरिकों के टैक्स का दुरुपयोग किया है।
शाहपुर नगर पंचायत में सेप्टिक टैंक सफाई का मुद्दा एक गंभीर समस्या:- मुन्ना तिवारी
समाजसेवी बिनोद तिवारी उर्फ मुन्ना ने कहा की एक ओर जहां नागरिक शासन व्यवस्था में विश्वास रखते हैं, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार की विफलता उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रही है। इसे ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि नगर प्रशासन को अपने कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए। ताकि लोगों के अधिकारों का उल्लंघन न हो और सार्वजनिक सेवाओं का सही ढंग से लाभ मिल सके।