Fake inspector : भोजपुर के बिहिया थाना पुलिस टीम ने मंगलवार को एक फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया है। उसके पास से वर्दी, बेल्ट, बैच एवं टोपी भी बरामद किया।
- हाइलाइट : Fake inspector
- महिला दारोगा को हुआ शक तो खुल गया सारा भेद
- गिरफ्तार फर्जी दारोगा के पास से वर्दी, बेल्ट, बैच एवं टोपी बरामद
Fake inspector आरा/बिहिया: भोजपुर के बिहिया थाना पुलिस टीम ने मंगलवार को एक फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया है। उसके पास से वर्दी, बेल्ट, बैच एवं टोपी भी बरामद किया। गिरफ्तार फर्जी दारोगा गड़हनी थाना क्षेत्र के मदुरा गांव निवासी अनिल सिंह का पुत्र राकेश कुमार सिंह है। वह करीब डेढ़ वर्षो से रोहतास जिले के काराकाट थाना क्षेत्र के जमुआं गांव में अपना डेरा रखे हुआ था। बताया जाता है कि वह करीब डेढ़ वर्षो से फर्जी दरोगा बनकर भोजपुर, रोहतास सहित कई जिलों में जाकर अपना धौंस दिखा लोगों को मूर्ख बनाता था।
इधर, बिहिया थानाध्यक्ष आदित्य कुमार ने बताया कि बीते 10 अक्टूबर को वह बिहिया थाना में फर्जी दारोगा बनकर पहुंचा था। थाना पहुंचने पर उसने कहा कि मैं केस के अनुसंधान में आया हूॅं। मुझे कुछ जानकारी चाहिए। कुछ देर बाद वह वहां से निकल गया। तभी बिहिया थाना पुलिस को उस पर शक हुआ था। पुलिस द्वारा इसकी जांच शुरू की गई। जांच उपरांत मालूम हुआ के वह एक फर्जी दारोगा है। इसी बीच मंगलवार की सुबह थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि उक्त फर्जी दारोगा बिहिया बाजार में आया हुआ है। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहूंच उसे गिरफ्तार कर थाने ले आई।
वही जगदीशपुर एसडीपीओ राजीव चंद्र सिंह ने बताया कि फर्जी दरोगा ने बिहिया आकर एक महिला दरोगा से बताया की वह भी उसके बैचमेंट 2019 बैच का है। और उसने 2019 बैच के दूसरे दरोगा के साथ खिचवाई हुई अपने तस्वीरों को दिखलाया ताकि झांसा में ले सके। और उस महिला दरोगा से बोला की हम अनुसंधान के क्रम में आते जाते रहेंगे थाने में और अपना नंबर भी दिया। लेकिन महिला को कुछ संदेह हुआ और उसने उस दरोगा के बारे में जो की झूठा बताया था की बिक्रमगंज थाने सहित अन्य थानों में पदस्थापित रह चुका है।
वहा से जब महिला दरोगा ने संपर्क की तो पता चला की नहीं ये फर्जी है। वहां जाकर उनलोगों से ये कहता है की ये भोजपुर में पदस्थापित है। इस प्रकार से ये फर्जी करता था। यहां तक की उसकी पत्नी को भी नहीं पता था। पत्नी को बोला था की वो टेकनीशियन है लेकिन कड़ाई से पूछ ताछ करने पर पता चला की वो टेकनीशियन भी नहीं है।
इस प्रकार से ये वर्दी पहनकर, नकली पिस्टल लगाकर फ़ोटो खिचवाना और अपने आप को दरोगा बताना, दूसरे के अपवाइमेन्ट लेटर को फर्जी बनाना एक संज्ञय अपराध है। इसको लेकर महिला दरोगा द्वारा बिहिया थानाध्यक्ष को सूचित किया गया और विधिवत गिरफ़्तारी कर माननीय कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।