ESI and PF scam in Shahpur : शाहपुर नपं के सफाई एजेंसी पर ईएसआई और पीएफ घोटाले का आरोप। सफाई कर्मी के वेतन से 12% की कटौती और एजेंसी द्वारा 17% देने का प्रावधान, आखिर कौन खा रहा है सफाई कर्मियों के 29% ईएसआई और पीएफ का पैसा ?
- हाइलाइट : ESI and PF scam in Shahpur
- एक साल से सफाईकर्मियों को नहीं मिला ईएसआई कार्ड
- वही एक साल से पीएफ नहीं मिलने से सफाई कर्मी नाराज
आरा: शाहपुर नगर पंचायत में सफाई कर्मचारियों के ईएसआई और पीएफ घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। यह खेल मिलीभगत से खेला जा रहा। इसके अलावा सफाई कर्मियों को नपं की वर्तमान एजेंसी समय से पूरी सैलरी तक नहीं दे रही हैं। ये आरोप सफाई कर्मचारियों ने लगाए। शाहपुर नपं की सफाई एजेंसी ने कर्मियों को एक साल का पीएफ और ना हीं ईएसआई कार्ड दिया है। एक साल से पीएफ और ईएसआई कार्ड का लाभ नहीं मिलने को लेकर नाराज सफाई कर्मचारियों ने एक बार फिर अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाने की चेतावनी दी है।
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सफाई कर्मियों ने बताया कि सालों से शाहपुर नगर पंचायत में काम कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान एनजीओ द्वारा उन्हे एक साल से अभी तक ईएसआई कार्ड नहीं दिया गया है और न ही पीएफ दिया गया है। जबकि उनके वेतन से हर महीने राशि की कटौती की जा रही है। इस स्थिति में अगर किसी सफाईकर्मी के परिवार में कोई बीमार हो जाता है तो उसे ईएसआई अस्पताल की सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता है।
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शाहपुर नपं की वर्तमान सफाई एजेंसी प्रताप सेवा संकल्प गोविंद फूलकान, मुजफ्फरपुर की एनजीओ पर आरोप लगाते कर्मियों ने कहा की एक साल का पीएफ नहीं दिया है। और ना ही किसी भी सफाई कर्मी को ईएसआई कार्ड दिया गया है। जबकि सफाई कर्मी के वेतन से 12% की कटौती होती है और एजेंसी द्वारा 17% देने का प्रावधान है। कुल मिलाकर 29% होता है। जिसमे 3% ईएसआई स्कीम के लिए, जिसमे सफाई कर्मचारी को ESI कार्ड जारी होता है। लेकिन ईएसआई कार्ड जारी नहीं किया गया और पूरे एक साल के पीएफ घोटाले का आरोप नपं के वर्तमान सफाई एनजीओ पर लगाया जा रहा है।
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इधर, अपने परिजन को लेकर आरा के निजी अस्पताल में भर्ती एक सफाई कर्मी ने बताया की आयुष्मान कार्ड पर मै अपने परिजन का इलाज यहां करा रहा हूं। शाहपुर नपं की वर्तमान एजेंसी से हमे कोई सुविधा नहीं मिल रही है। इसके अलावा यह भी बताया कि उन्हें सुरक्षा उपकरण भी मुहैया नहीं कराए गया है। अपनी जान जोखिम में डालकर सफाई कार्य करना पड़ता है। और समय से वेतन भी नहीं दिया जाता है। मांगने पर गलत शब्दों का प्रयोग किया जाता है। नपं में हमारी स्थिति KGF की तरह हो गई है।
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स्वच्छता और सुरक्षा चिंताजनक: स्वच्छता और सुरक्षा के मामलों को लेकर शाहपुर नगर पंचायत गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। ठोस कचरा प्रबंधन की कमी, खुली नालिया, कचरे का ढेर, NH-84 मुख्य सड़क पर बहते गंदा पानी व गंदगी के जमाव के कारण बढ़ती सड़क दुर्घटना भी गंभीर चिंता का विषय हैं।
नपं के शर्तों में एनजीओ फेल : शाहपुर नगर पंचायत से किए गए एकरारनामा की शर्तों के मुताबिक किसी भी दिन 40 सफाई कर्मी एनजीओ द्वारा प्रस्तुत नहीं किया जा रहा। सफाई कर्मियों के पारिश्रमिक का भुगतान उनके बैंक खातों में स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है। फिर कैसे भुगतान का प्रमाण दिए बिना और सफाई कर्मियों का सत्यापन किये बिना ही एनजीओ को अगला भुगतान किया जा रहा है ?
सफाई कर्मियों के बायोमैट्रिक उपस्थिति नहीं : इससे भी चिंताजनक बात यह है कि शाहपुर नपं में कार्यरत सफाई कर्मियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति को सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। जिससे एनजीओ द्वारा फर्जी कर्मियों से कोरम पूरा करने से इनकार नहीं किया जा सकता। बायोमैट्रिक उपस्थिति के अभाव के बावजूद एजेंसी को अगला भुगतान जारी करना कार्य की सत्यता पर गंभीर प्रश्न उठाता है।
सरकार के प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन: नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्रांक 09/ नगरपालिका प्रशासन निदेशालय (विविध) -20/2021 -3352/ दिनांक 17/11/2021 के आदेश का अनादर करते हुए हर माह एनजीओ को शाहपुर नपं द्वारा 11 लाख 87 हजार से ज्यादा की राशि का भुगतान किया जा रहा है। जो यह सरकार के प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन है।