Criminal Gang in Ara City-आरा सिटी में एंबुलेंस व्यवसाय पर क्रिमिनल गैंग का वर्चस्व,भिड़ रहे गैंग
माले नेता के बेटे की हत्या से सामने आयी गिरोह के वर्चस्व की लड़ाई
समर्थकों का एंबुलेंस चलाने और वर्चस्व को लेकर टकरा रहे डॉन
एंबुलेंस विवाद, वर्चस्व और पुरानी दुश्मनी सहित अन्य एंगल पर पुलिस की तफ्तीश
खबरे आपकी Criminal Gang in Ara City-आरा में एंबुलेंस व्यवसाय पर भी अपराध जगत की काली नजर पड़ गयी है। अपराधिक गिरोह के लिये अब यह धंधा कमाई के साथ अपनी ताकत दिखाने का जरिया बनता जा रहा है। पार्किंग से लेकर मरीज ले जाने तक एंबुलेंस चालकों से पैसे की उगाही की जा रही है। ऐसे में आपराधिक गिरोह इस धंधे पर हावी होने लगे हैं। अपने समर्थकों का एंबुलेंस चलवाने को लेकर गिरोहों के बीच टकराव शुरू हो गया है।
अब तो धंधे में अपना दबदबा और वर्चस्व कायम करने के लिये विरोधी गुट के लोगों को अब टपकाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। एंबुलेंस व्यवसाय से जुड़े माले नेता के बेटे विजय कुमार की हत्या से धंधे की यह सच्चाई सामने आयी है। विजय कुमार के बेटे द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार एंबुलेंस चलाने के वर्चस्व में उसके पिता की हत्या की गयी है। हत्या का आरोप जेल में बंद शहर के बड़े गैंगस्टर धनजी यादव पर लगा है।
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प्राथमिकी में कहा गया है कि गणेश यादव का एंबुलेंस चलाने के लिये हत्या की गयी है। गणेश यादव कुख्यात धनजी यादव का आदमी बताया जा रहा है। जबकि विजय कुमार धनजी यादव के विरोधी मंटू कहार का नजदीकी बताया जा रहा है। पुलिस भी हत्या के मूल में एंबुलेंस विवाद को मान कर चल रही है। वैसे गिरोहों के वर्चस्व की लड़ाई और पुरानी दुश्मनी के एंगल पर भी जांच की जा रही है। बता दें कि गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल तक पहुंचाने के लिये एंबुलेंस सेवा की मदद ली जाती है। इसके लिये सरकारी स्तर के साथ प्राइवेट एम्बुलेंस भी चलाये जा रहे हैं। आरा में भी काफी संख्या में प्राइवेट एम्बुलेंस चलाये जा रहे हैं।
आरा सदर अस्पताल के पास हमेशा एंबुलेंस की भीड़ लगी रहती है। चालक और उनके लोग (दलाल) मरीजों को एक से दूसरे अस्पताल पहुंचाने के लिये अक्सर सदर अस्पताल में चक्कर लगाते रहते हैं। इसे लेकर चालकों के बीच विवाद और झगड़े भी होते रहे हैं। करीब डेढ़ माह पहले भी एक मरीज को पटना ले जाने को लेकर दो एंबुलेंस चालकों के बीच मारपीट भी हुई थी। ऐसे में एंबुलेंस चालक भी वर्चस्व कायम करने के लिये आपराधिक गिरोह तक पहुंच जा रहे हैं। नतीजा हुआ कि आपराधिक गिरोह अब धंधे पर काबिज होने लगे हैं। हालांकि विजय हत्याकांड के बाद सदर अस्पताल और आसपास के इलाकों में दहशत का आलम है। आलम यह है कि सदर अस्पताल के गेट और इमरजेंसी वार्ड के पास अक्सर मंडराने वाले एंबुलेंस चालक और उनके लोग नदारद दिखे।
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