Ara Professor Crime Story: एसपी ने की अपील: नौकर रखने से पहले करा लें वेरीफिकेशन
- पहले प्रोफेसर पुष्पा सिंह का गला रेता, फिर महेंद्र सिंह को मार डाला
- बाथरूम से निकल रहे प्रो. महेंद्र प्रसाद सिंह पर कर दिया था चाकू से हमला
- दोनों में हुई थी मारपीट और उठा-पटक, कातिल को भी आयी थी चोटें
Bihar/Ara: असम निवासी तपन डे उर्फ दीपक ने अकेले ही प्रोफेसर दंपती का कत्ल कर दिया था। महज 10 से 15 मिनट में ही उसने दोनों दंपती को चाकू से गोद कर मौत के घाट उतार दिया था। उस दौरान उसकी प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह के साथ उठा-पटक भी हुई थी। उसमें तपन डे उर्फ दीपक को भी चोटें आयी है। एसपी की ओर से पूछताछ के बाद यह जानकारी दी गयी। पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि दीपक ने पहले ने प्रोफेसर पुष्पा सिंह की बड़ी आसानी से हत्या की थी। उसने चाकू से दो बार हमला कर उनको मार डाला। तब प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह बाथरूम में स्नान कर रहे थे।
अन्होनी की आशंका से बेफिक्र प्रो. महेंद्र प्रसाद सिंह जैसे ही बाथरूम से निकले। तभी तपन डे द्वारा पीछे से उनपर चाकू से हमला बोल दिया गया। हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने अपना काफी बचाव किया। वह जख्मी हालत में भी तपन डे से भिड़ गए। दोनों में मारपीट भी हुयी थी। दोनों में कुछ देर तक गुत्थम-गत्थी चलती रही। उसमे तपन डे को सर, कमर और हाथ में चोट भी आयी थी। चाकू से उसका हाथ भी कट गया था। घटना को अंजाम देने के बाद तपन डे घर से भाग निकला और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। रास्ते में उसने पेन किलर लिया।
पटना में उसके परिचितों ने हाथ कटने के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि ट्रेन से उतरते समय गिर गया था। उससे चोट लग गयी थी। पुलिस के अनुसार उसे पता था कि प्रोफेसर के घर में पैसे हैं। ऐसे में जब प्रोफेसर ने उसके बकाया पैसे नहीं दिया, तो उसने उनके घर में रखे पैसे लेने के फिराक में था। उसी चक्कर में उसने पहले प्रोफेसर पुष्पा सिंह की हत्या की थी। बाद में पकड़े जाने की डर से प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह को मार डाला।
Ara Professor Crime Story:29 जनवरी को ही प्रोफेसर दंपती को उतारा था मौत के घाट
तपन डे उर्फ दीपक द्वारा 29 जनवरी को ही प्रोफेसर दंपति को मौत को घाट उतार दिया था। एसपी के अनुसार गिरफ्तार तपन डे द्वारा अपने कनफेशनल बयान में कहा कि वह काफी दिनों से प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह के संपर्क में था। नौकरी लगाने के नाम पर उसने महेंद्र प्रसाद सिंह को कुछ पैसे दिए थे। जब वह पैसे की मांग करता था, तो वे कोई न कोई बहाना बना देते थे। घटना के दिन वह उनके घर पर चार-पांच घंटे रहा। खाना भी बनाया। उसके बाद उसने पैसे की मांग की। तब प्रोफेसर साहब टालमटोल करने लगे। उसको लेकर प्रोफेसर और तपन के बीच नोकझोंक हुई थी। उसी बीच प्रोफेसर बाथरूम में चले गए। तभी तपन डे ने हत्या की साजिश रच डाली और खुद ही दोनों को मौत के घाट उतार दिया।
पटना के होटल के आने-जाने के दौरान प्रोफेसर के संपर्क में आया था तपन
असम के धेमाजी के जोनाई गांव निवासी तपन डे उर्फ दीपक पटना के एक होटल में काम करता था। उस दौरान प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह का भी उस होटल में आना-जाना लगा रहता था। उसी क्रम में तपन डे प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह के संपर्क में आया था। पुलिस के अनुसार तपन डे ने करीब 12 साल पहले होटल छोड़ दिया था। उसके बाद भी प्रोफेसर और उसके बीच घनिष्ठता बनी हुई थी। तपन का होटल का काम छुटने के बाद प्रोफेसर द्वारा उसे काम दिलाने का वादा किया था। उसी सिलसिले में वह आरा स्थित उनके घर आता-जाता था। काम और पैसे मिलने की लालच में वह प्रोफेसर के घर खाना बनाने सहित अन्य काम भी कर देता था। इधर, सूत्रों के अनुसार कभी-कभार उसकी पत्नी भी काम करने आती थी। पुलिस के अनुसार होटल का काम छुटने के बाद वह अपनी पत्नी के पटना के लाल जी टोले में रहने लगा। कुछ माह पहले वह असम चला गया था। पिछले साल अक्टूबर -नवंबर में वह पटना लौटा था। इसके बाद वह अक्सर प्रोफेसर दंपती के घर आकर खाना बनाता था। गत 20 जनवरी 2023 से वह प्रतिदिन आरा आता था।
आरा से पैसेंजर ट्रेन से पहुंचा पटना और फिर भाग गया असम
आरा में प्रोफेसर दंपती की हत्या करने के बाद तपन डे उर्फ दीपक पहले पटना और फिर अपने गांव भाग गया था। पुलिस के अनुसार हत्या के बाद वह ऑटो से रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां दंपती का मोबाइल फेंकने के बाद वह पैसेंजर ट्रेन से पटना गया। वहां से अपने गांव चला गया। एसपी ने बताया कि जांच में जुटी पुलिस ने करीब पांच सौ सीसीटीवी खंगाला गया। उस दौरान आरा, पटना, फुलवारी शरीफ, दानापुर और राजेंद्र नगर आदि स्टेशनों के भी फुटेज का अवलोकन किया गया। उसी दौरान उसके बारे में कुछ क्लू मिला था। उसके आधार पर पुलिस आगे बढ़ी और सफलता मिल गयी। कहा जा रहा है उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम में शामिल अफसर व जवान लगातार 32 घंटे वाहन चला कर असम पहुंचे थे।
लालजी टोला निवासी बुजुर्ग ने बताया था पता
प्रोफेसर दंपती के हत्या के बाद जांच में जुटी पुलिस के पास क्लू के नाम पर सिर्फ सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा संदिग्ध था। उस पर ही हत्या का संदेह था, लेकिन उसके बारे में भी किसी को कुछ भी जानकारी नहीं थी। बावजूद पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार भागदौड़ करती रही। संदिग्ध का क्लू लेने को आरा, पटना, रोहतास, औरंगाबाद और छपरा जिलों में भी छापेमारी की गयी थी। उनके परिचितों से पूछताछ की। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। तभी पुलिस को पटना के लालजी टोला में एक बुजुर्ग से मुलाकात हुई। जब उन्हें तपन डे उर्फ दीपक का फोटो दिखाया गया, तो उन्होंने उसे पहचान लिया। उसी ने दीपक का असली नाम और पहचान बताई थी। इसके बाद पुलिस ने तपन डे उर्फ दीपक के घर में दबिश दी। पुलिस ने उसके परिचितों को कहा कि मर्डर नहीं बल्कि 50 हजार रुफये लेकर वह भागा है। पैसे की बरामद करनी है।तब उसके परिचितों ने उसका सही पता बताया।
पुलिस के लिए चैलेंजिंग था प्रोफेसर दंपती हत्याकांड का उद्भेदन
रिटायर प्रोफेसर दंपती महेंद्र सिंह और उनकी पत्नी पुष्पा सिंह की हत्या का उद्भेदन पुलिस के लिए काफी चैलेंजिंग था। एसपी प्रमोद कुमार ने बताया 29 जनवरी को ही हत्या हो गई थी। 30 जनवरी की रात 9 बजकर 45 मिनट में सूचना मिली। इसके बाद वे खुद मौके पर पहुंचे एसपी हिमांशु नवादा थाना इंचार्ज और डीआईयू की टीम भी मौके पर पहुंची। दंपती घर में अकेले रहते थे। जबकि उनकी तीनों बेटियां बाहर थी। इस ब्लाइंड केस के उद्भेदन के लिए टीम ने काफी मेहनत की तीन-चार दिनों तक मेहनत के बावजूद कोई लिंक नहीं मिला। हालांकि बाद में क्लू हासिल होते ही हत्या से जुड़े तार खुलने लगे।
एसपी ने की अपील: नौकर रखने से पहले करा लें वेरीफिकेशन
भागदौड़ की जिंदगी में लोग मेहनत से बचने के लिए घरों में नौकर और नौकरानी रख लेते हैं। इसको लेकर एसपी ने जिले वासियों से नौकर और नौकरानी रखने के पूर्व उनका वेरिफिकेशन करा लेने की अपील की है। प्रोफेसर दंपती द्वारा अपने नौकर सह कुक का वेरिफिकेशन करा लिया गया होता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। क्योंकि नौकर सह कुक को पकड़े जाने का भय सताता रहता।
हत्या के उद्भेदन के लिए एसपी को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
रिटायर प्रोफेसर दंपती की हत्या के बाद सहायक पुलिस अधीक्षक सह सदर एसडीपीओ हिमांशु के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने काफी मेहनत की। शुरुआती दौर में किसी तरह का लिंक नहीं मिल रहा था। प्रतिदिन अफसर व जवान तकनीकी और मानवीय जानकारी अपडेट करते रहते थे। टीम के मेहनत व लगन के बदौलत यह उपलब्धि हासिल हुई है। इसलिए टीम को नेतृत्व कर्ता एएसपी हिमांशु को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। वहीं अन्य पुलिस अफसरों को व जवानों को रिवार्ड दिया जाएगा वरीय अधिकारियों के तरफ से भी टीम के अफसरों व जवानों को रिवार्ड देने की बात कही गई है।
जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा आरोपी का कपड़ा
रिटायर प्रोफेसर दंपति महेंद्र सिंह और उनकी पत्नी पुष्पा सिंह की हत्या को अंजाम देने वाले कुक तपन डे उर्फ दीपक ने घटना के दिन जो कपड़े पहने थे। उस पर खून के छींटे पड़े थे। भागने से पहले उसने अपने कपड़े को उतार कर बैग में भर लिया था। जबकि प्रोफेसर के दूसरे कपड़े को वह पहन कर घर से भागा। घटना के दिन दीपक ने जो कपड़ा पहना था। पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है। उस पर खून के छींटे के निशान मिले हैं। एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि उसे जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा। उक्त कपड़ा बहुत बड़ा साक्ष्य है।
कांड का वरीय अफसरों द्वारा की जा रही थी मॉनिटरिंग
प्रोफेसर दंपती की बहुत ही भयानक तरीके से हत्या की गई थी। काफी दर्दनाक मौत दी गई थी। इसलिए यह कांड का काफी हाईप्रोफाइल हो गया था। वरीय अफसरों द्वारा इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी। शाहाबाद रेंज के डीआईजी क्षत्रनिल सिंह भी प्रोफ़ेसर दंपति के घर जांच के लिए पहुंचे थे।