Ankita Ara–इमादपुर थाने के सहियारा स्थित नहर से बोरे में मिली मृत छात्रा की हुई पहचान
परिजनों ने पुलिस पर लगाया शव को क्षत-विक्षत करने का आरोप
शहर के विष्णु नगर से एक जून को अगवा की गयी थी फौजी की बेटी
पांच जून को नवादा थाने में दर्ज करायी गयी अगवा की प्राथमिकी
53 दिन बाद सहियारा नहर से मिला शव, परिजनों ने तीन रोज बाद की पहचान
एसपी के आदेश पर मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस, एक को उठाया
खबरे आपकी Ara आरा। भोजपुर जिले के इमादपुर थाना क्षेत्र के सहियारा स्थित नहर से बोरे में बंद मिली मृत किशोरी की पहचान कर ली गयी है। वह आरा शहर के नवादा थाना क्षेत्र के विष्णु नगर (बैंक कॉलोनी) निवासी फौजी मदन पांडेय की पुत्री Ankita अंकिता कुमारी थी। वह नौवीं की छात्रा थी और बीते एक जून से गायब थी। पिछले 13 जुलाई को उसका शव मिला था। शव मिलने के चार रोज बाद परिजनों द्वारा फोटो से उसकी पहचान की गयी। परिजन अगवा करने के बाद हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं पुलिस पर लापरवाही करने और शव को क्षत-विक्षत करने का आरोप लगाया जा रहा है। छात्रा के चाचा अंदेश्वर पांडेय द्वारा पुलिस की मिलीभगत से तेजाब डाल कर शव को जलाने का आरोप लगाया है। ताकि उसकी पहचान नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई को शव सही सलामत मिला था। लेकिन आरा सदर अस्पताल आते-आते शव पूरी तरह वीभत्स हो गया था। चेहरे सहित शरीर का आधा भाग जल गया था। इससे तेजाब डाल शव जलाने की आशंका उत्पन्न हो रही है। इधर, एसपी विनय तिवारी के आदेश के बाद पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुट गयी है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में पुलिस ने एक युवक को हिरासत में भी लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
चाचा का सवाल: केस करने के 50 दिन भी बच्ची को क्यों नहीं खोज सकी पुलिस
Ara। बिस्किट लेने घर से निकली स्कूली छात्रा Ankita का शव मिलने से परिजनों में गम के साथ गुस्सा भी है। परिजन इसके लिये सीधे तौर पर नवादा थाने की पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उसके चाचा ने तो पुलिस पर हत्या तक का आरोप लगा डाला है। उनका कहना है कि आखिर केस दर्ज होने के 50 दिन बाद तक पुलिस उसे क्यों नहीं खोज सकी? पुलिस क्या कर रही थी? वहीं शव मिलने के बाद पुलिस द्वारा सूचना तक भी नहीं दी गयी। एक फौजी के साथ पुलिस का सलूक ऐसा है, तो आम पब्लिक को न्याय कैसे मिलेगा? बताया जा रहा है कि बीते एक जून को छात्रा Ankita Ara घर से बिस्किट लेने घर से गयी थी। देर तक वापस नहीं लौटी, तो खोजबीन शुरू की गयी। चार दिनों तक कोई सुराग नहीं मिला, तो पांच जून को नवादा थाने में केस किया गया। उसके 13 जुलाई को आरा से दूर इमादपुर थाने के सहियारा नहर से उसका शव बरामद किया गया था।
एसपी के आदेश पर हरकत में आयी पुलिस, अब की जा रही तफ्तीश
Ara-आरा। अपहरण की प्राथमिकी के बाद छात्रा Ankita की बरामदगी में विफल रही पुलिस द्वारा शव मिलने के बाद भी परिजनों को सूचना नहीं दी गयी। एक रिश्तेदार के जरिये शव मिलने की सूचना पर परिजनों द्वारा किसी तरह पहचान की गयी। उसके बाद छात्रा के चाचा ने सोमवार को एसपी से मिल घटना की जानकारी दी और न्याय की गुहार लगाई। इस पर एसपी विनय तिवारी द्वारा थानेदार को पूरे मामले की जांच कर अविलंब कार्रवाई करने का आदेश दिया। उसके बाद पुलिस हरकत में आयी और आनन-फानन में जांच शुरू कर दी गयी। नवादा थाने के साथ टाउन इंचार्ज भी मामले की छानबीन में जुट गये हैं। इस दौरान थानेदार सदर अस्पताल पहुंचे और शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से शव के बारे में पूरी जानकारी ली। कातिलों तक पहुंचने का प्रयास भी तेज कर दिया गया। इसके लिये मोबाइल सर्विलांस की मदद ली जा रही है। सूत्रों के अनुसार इसमें कुछ नंबर भी मिले हैं। उसकी जांच की जा रही है।पढ़ें- SP Vinay Tiwari मुंबई बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर चर्चा में आये थे
दस जुलाई को छात्रा की एक रिश्तेदार से हुई थी बात
Ara-आरा। अपहरण के समय छात्रा Ankita के पास मोबाइल भी नहीं था। ताकि वह परिजनों को घटना की सूचना दे सकी। चाचा के अनुसार उसने एक-दो बार दूसरे के मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश की थी। लेकिन बात नहीं हो सकी थी। दस जुलाई को उसकी एक रिश्तेदार से कुछ सेकेंड बात हुई थी। उसके दो दिन बाद ही उसका शव बरामद हो गया। उन्होंने बताया कि जिन-जिन नंबरों से बात हुई है। वह पुलिस को दे दी गयी है। पुलिस उसकी जांच कर रही है।
आखिर आरा सदर अस्पताल आते-आते वीभत्स कैसे हो गया शव?
Ara-आरा। 13 जुलाई को इमादपुर थाना क्षेत्र के सहियारा स्थित नहर से बोरे में बंद एक किशोरी का शव मिला था। तब पुलिस इंक्वेस्ट के अनुसार किशोरी के नाक से खून बह रहा था। इंक्वेस्ट में आंख व मुंह बंद और जीभ अंदर होने की बात लिखी गयी थी। शव जले या वीभत्स होने की चर्चा पुलिस की मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट में नहीं थी। जबकि शव मिलने की सूचना पर परिजन सदर अस्पताल के मर्चरी रूम गये, तो शव पूरी तरह वीभत्स हो चुका था। किशोरी के चाचा के अनुसार चेहरा और शव का आधा हिस्सा जल हुआ था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर शव कहां जल गया? परिजन अब पुलिस से इस सवाल का जवाब मांग रहे हैं। परिजनों का कहना है कि हत्या करने वालों द्वारा पुलिस से मिलकर शव को जला दिया गया है। ताकि शव की पहचान नहीं हो सके।
लावारिस बता कर दिया गया शव का अंतिम संस्कार, बेटी का चेहरा भी नहीं देख सकी मां
Ara-आरा। नौंवी की छात्रा अंकिता Ankita अपने माता-पिता की लाडली और दो भाइयों के बीच इकलौती बहन थी। लेकिन पुलिस की लापरवाही से परिजन उसका मरा हुआ चेहरा भी नहीं देख सके। इससे परिजनों का बुरा हाल है। मां ममता देवी बेहाल थी। भाई, पिता और चाचा भी विचलित थे। बताया जा रहा है कि शव मिलने के बाद पहचान नहीं होने पर 18 जुलाई को लावारिस सेवा केंद्र द्वारा अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
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