Bihar Police Department: बिहार सरकार ने राज्य की कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए एक बार फिर से पुलिस महकमे में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है
- हाइलाइट: Bihar Police Department
- गृह विभाग की ओर से अधिसूचना जारी
पटना: बिहार सरकार ने राज्य की कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए एक बार फिर से पुलिस महकमे में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है. गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 7 पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) का तबादला किया गया है, जो 16 सितम्बर 2025 से प्रभावी होंगे.
अररिया में हुआ प्रमुख फेरबदल: अररिया जिले में सबसे ज़्यादा बदलाव देखने को मिले हैं. फखरे आलम (2018 बैच), जो अब तक पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) के पद पर थे, उन्हें अब डीएसपी (यातायात) बनाया गया है. वहीं, दीवान एकरार खान (2024 बैच प्रोन्नति) को अररिया से स्थानांतरित कर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-7, कटिहार भेजा गया है. उनकी जगह मनोज कुमार सिंह को अररिया में डीएसपी (मुख्यालय) की जिम्मेदारी दी गई है.
पटना में विशेष सुरक्षा पर फोकस: राजधानी पटना में वीआईपी और सचिवालय सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है. इसी के मद्देनज़र तीन अधिकारियों – ऋत्विक शिव रंजन, आकाश किशोर और शत्रुध्न कुमार मंडल को विशेष सुरक्षा दल (SSG), पटना में नियुक्त किया गया है. ये अधिकारी पहले विभिन्न विभागों में कार्यरत थे, जिनमें यातायात, CID और आधुनिकीकरण शाखा शामिल हैं.
नवादा से विशेष सुरक्षा दल में स्थानांतरण: नवादा में डीएसपी (यातायात) के पद पर कार्यरत ऋत्विक शिव रंजन (2021 बैच) को अब पटना स्थित विशेष सुरक्षा दल (SSG) में भेजा गया है. यह बदलाव सरकार की उस रणनीति को दर्शाता है जिसमें वीआईपी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.
सीआईडी और आधुनिकीकरण से एसएसजी में तबादले: आकाश किशोर (2022 बैच) जो अभी तक पटना में अपराध अनुसंधान विभाग (CID) में कार्यरत थे, उन्हें भी विशेष सुरक्षा दल का हिस्सा बनाया गया है. साथ ही, शत्रुध्न कुमार मंडल, जो एसएसओ एवं आधुनिकीकरण विभाग में डीएसपी थे, अब एसएसजी का हिस्सा होंगे.
कटिहार और सचिवालय सुरक्षा में भी बदलाव: पटना में सचिवालय सुरक्षा में तैनात डीएसपी मनोज कुमार सिंह को अररिया भेजा गया है, जबकि उनकी जगह अब राजेश रंजन (2024 बैच प्रोन्नति), जो अब तक बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-1, पटना में कार्यरत थे, को सचिवालय सुरक्षा का प्रभार सौंपा गया है.
कानून-व्यवस्था सर्वोपरि: सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में अपराध नियंत्रण, यातायात संचालन और वीआईपी सुरक्षा से जुड़ी कई गंभीर चुनौतियां सामने आई थीं. खासकर सीमावर्ती जिलों और राजधानी पटना में लगातार सामने आ रही घटनाओं ने सरकार को सतर्क किया है. इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह स्थानांतरण किया गया है.
तबादलों से सरकार का संदेश साफ: इन तबादलों से स्पष्ट है कि बिहार सरकार कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मुद्दों पर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं चाहती. विशेष सुरक्षा दल में तीन अधिकारियों की नियुक्ति और सचिवालय की सुरक्षा में बदलाव यह दर्शाते हैं कि सरकार खासकर राजधानी में सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. आने वाले दिनों में और भी प्रशासनिक फेरबदल की संभावना जताई जा रही है.



