बीपीएससी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में बड़हरा प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत 4 गिरफ्तार
गिरफ्तार लोगों में कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य भी शामिल
आर्थिक अपराध की टीम ने किया गिरफ्तार, भेजे जाएंगे जेल
रविवार को परीक्षा के दौरान कुंवर सिंह कॉलेज केंद्र से प्रश्नपत्र हुआ था वायरल
आरा। बीपीएससी 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र वायरल मामले में आर्थिक अपराध की टीम ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इस मामले में टीम ने बड़हरा प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य सह सेंटर सुपरिटेंडेंट भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र वायरल होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दिनांक 9 मार्च 2022, धारा-420, 467, 468, 120(बी) भादवि, 66 आईटी एक्ट एवं धारा -3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम -1981 के तहत दर्ज किया गया था। इस मामले में सोमवार को ही ईओयू की टीम ने बडहरा प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। टीम ने चारों से कड़ाई से पूछताछ की। इसी क्रम में साक्ष्य के आधार पर आर्थिक अपराध इकाई के विशेष अनुसंधान दल द्वारा चारों को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तार लोगों में बड़हरा प्रखंड विकास पदाधिकारी सह प्रतिनियुक्त स्टैटिक दंडाधिकारी जयवर्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य सह सेंटर सुपरिटेंडेंट डॉ. योगेंद्र प्रसाद सिंह, कुंवर सिंह कॉलेज के व्याख्याता सह कंट्रोलर सुशील कुमार सिंह, कुंवर सिंह कॉलेज के व्याख्याता सह सहायक सेंटर सुपरिटेंडेंट अगम कुमार सहाय को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार प्राचार्य डॉक्टर योगेंद्र प्रसाद सिंह मूल रूप से बड़हरा थाना क्षेत्र के बखोरापुर गांव के निवासी हैं। वही व्याख्याता सह कंट्रोलर सुशील कुमार सिंह आरा शहर के हरि जी हाता मोहल्ला तथा व्याख्याता सहायक सेंटर सुपरिटेंडेंट अगम कुमार सहाय बड़हरा थाना के फरना गांव के निवासी है। बता दें कि रविवार को आरा शहर के विभिन्न केंद्रों पर बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित थी। परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र वायरल हो गया। इसके बाद आरा शहर के गौसगंज स्थित कुंवर सिंह कॉलेज केंद्र पर महिला-पुरुष परीक्षार्थियों ने जमकर बवाल काटा। हो- हंगामा किया। कालेज प्रशासन पर कई तरह के आरोप लगाए। इसके बाद पुलिस प्रशासन के वरीय अफसर वहां पहुंचे। तब जाकर स्थिति नियंत्रण में हुई। हालांकि शाम में बीपीएससी द्वारा पूरे बिहार में परीक्षा को रद्द कर दिया गया। इसकी जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया गया।
पहले भी से दागी रहे हैं जयवर्धन गुप्ता
आरा। बड़हरा प्रखंड विकास पदाधिकारी जयवर्धन गुप्ता पहले से भी दागी रहे हैं। विश्वास सूत्रों की माने तो कि वर्ष 2018 में पटना के मोकामा में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने जयवर्धन गुप्ता को 1 लाख घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में वे जेल भी गए थे। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद ही उनकी पोस्टिंग बड़हरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में पंचायत चुनाव के पहले की गई। बताया जाता है कि 17 मार्च 2021 को जयवर्धन गुप्ता की बरारा प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में पोस्टिंग हुई थी।