Chhath Puja – Kharna: गुरुवार को छठ व्रतधारी, नदी, तालाब, पोखर, नहर, कुआं एवं घर की छत पर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करेंगे।
- हाइलाइट : Chhath Puja – Kharna
- शुद्ध आटे से बनी रोटी, चावल, दूध एवं गुड़ से निर्मित खीर का प्रसाद बनाकर किया ग्रहण
- छठी मईया के गीतो से जिले में भक्तिमय हुआ माहौल
- गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करेंगे व्रती
- शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करने के साथ संपन्न होगा छठ
- लोगों ने व्रतियों के घर जाकर किया प्रसाद ग्रहण, देर रात तक चलता रहा सिलसिला
आरा: लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतियों ने खरना किया। छठ व्रतधारियो ने बुधवार को स्नान किया। उसके बाद पीला वस्त्र धारण कर भगवान भास्कर को स्मरण कर प्रणाम किया। तत्पश्चात शुद्ध गेहूं के आटे से बनी रोटी, चावल, दूध एवं गुड़ से निर्मित खीर का प्रसाद बनाया।
प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात चंद्रमा को नमन करने की परंपरा है। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। खरना का प्रसाद आसपास के लोगों के बीच वितरित किया गया। कुछ लोगों ने व्रतधारियों के घर जाकर खरना का प्रसाद ग्रहण किया।
गुरुवार को छठ व्रतधारी, नदी, तालाब, पोखर, नहर, कुआं एवं घर की छत पर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करेंगे। वहीं शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जाएगा।