Friday, November 22, 2024
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कोरोना ने खोली बिहार सरकार की पोल- Yashwant Sinha

यूडीए के नेताओं का स्वागत संतोष श्रीवास्तव ने किया

आरा/बिहिया/शाहपुर। जनसंवाद यात्रा के दौरान बक्सर से आरा जाने के क्रम में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलाइंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा Yashwant Sinha का बिहिया चौरस्ता पर स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया!

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इसके बाद एक प्रेस वार्ता को Yashwant Sinha ने संबोधित किया उन्होंने कहा कि बिहार विकास के अनेक मुद्दों पर 15 सालों से एकदम पिछड़ा हुआ है। राज्य है जहां गरीबी पूरे देश में सबसे ज्यादा है। जिसकी पोल कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों के बाहर से आने के क्रम में यह पोल खुल गई।

इस दौरान लाखों की संख्या में मजदूर मुंबई दिल्ली गुजरात राजस्थान मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य इलाकों से पैदल ही कूच कर गए और कितने को जान भी गंवानी पड़ी। लेकिन सरकार इस सारी समस्याओं पर चूपी रही हद तो तब हो गई। जब कोटा में बिहार में के छात्र जो कोटा में पढ़ते थे उनको लाने के लिए सरकार ने हाथ खड़े कर दिए।

वही कोरोटिन सेंटर पर लाखों रुपए खर्च किए गए जो सिर्फ घोटाले हुए आम आदमी को उसका कुछ फायदा नहीं मिला एक तरफ बिहार की जनता कोरोना तो दूसरी तरफ उत्तर बिहार में बाढ़ से त्रस्त है। लेकिन वर्तमान सरकार को चुनाव की पड़ी है।

Yashwant Sinha ने कहा कि यहां पर सबसे बुरा उस समय होता है। जब चुनाव के समय जातिगत आधार पर वोट दे देते हैं और उनका खामियाजा भुगतना पड़ता है और एक अच्छी सरकार नहीं बन पाती है जिसके चलते बिहार आज तक पिछड़ा हुआ है।

मैं आप लोगों से आग्रह करूंगा कि अबकी बार बिहार में एक मजबूत सरकार दे। बिहार को विकास में आगे राज्यों के पंक्ति में ले जाने के लिये यूनाइटेड एलाइंस गठबंधन स्पोर्ट करे हम बेहतर विकल्प देंगे।

सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव ने कहा कि बिहार की दशा देखकर हमें तरस आती है। हम लोगों ने जार्ज साहब के नेतृत्व में काफी मेहनत करके नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का कार्य किया था। लेकिन आज बहुत तकलीफ होता है 15 सालों में बिहार चिकित्सा शिक्षा रोजगार रोजगार कानून व्यवस्था सभी मुद्दों पर फेल है।

सभा संबोधित करते हुए देवेंद्र यादव ने कहा कि बिहार में रोजगार के लिये पलायनकरने को मजबूर हैं शिक्षा व्यवस्था चौपट है। भारत के सभी राज्यो और केंद्र शासित प्रदेशो में पांच से सात वर्ष की आयु के बच्चों का विद्यालय जाने का अनुपात बिहार में सबसे कम है।

भारत का औसत अनुपात 75% है वहीं बिहार का 67% है बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। बिहार में संगीन अपराधिक मामलों की संख्या पिछले 5 वर्षों में 40% की दर से बहुत तेज वृद्धि हुई।

बिहार सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में ग्रामीण सड़कों के अपने लक्ष्य का 33 परसेंट पूरा किया जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में 2095 गांव आज भी सड़क माध्यम से नहीं जुड़ पाए।

बिहार राज्य में दंगे भड़काने के पूरे देश में सबसे अधिक मामले सामने आए एनसीआरबी की रिपोर्ट में देश भर में पंजीकृत 19.87%मामले बिहार राज्य में सामने आए हैं। हाल के वर्षों में सांप्रदायिक दंगों के पंजीकृत मामलों में बिहार का स्थान सबसे ऊपर रहा है।

सभा को संबोधित करने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि, पूर्व मंत्री बिहार सरकार पुष्पा कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव, रतन मंडल राजू कुमार ने किया। सभा की अध्यक्षता यूनाइटेड एलायंस गठबंधन के महासचिव बिहार संतोष श्रीवास्तव ने किया।

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