वीर कुंवर सिंह विजयोत्सवः
नहीं भुलाया जा सकता बाबू कुंवर सिंह का योगदान-रंजीत
रिपोर्टः मो. वसीम
वीर कुंवर सिंह जयंती के अवसर पर गुरुवार को लोगों ने “नृत्य नाटिका रणबांकुरे कुंवर सिंह” ऑनलाइन कार्यक्रम में देखा। कोरोना वायरस को लेकर देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण लोगों ने ऑनलाइन कनवरसेशन के माध्यम से 1857 के स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह को श्रद्धांजलि दी। सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए लोग घर बैठे विभिन्न ऐप के माध्यम से इस कन्वरसेशन में शामिल हुए।
इस अवसर पर सर्वप्रथम बाबू कुंवर सिंह के स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित एवं एचडी जैन महाविद्यालय के कला आचार्य कथक गुरु बक्शी विकास द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका रणबांकुरे वीर कुंवर सिंह के प्रसारण को दिखाया गया। वरिष्ठ साहित्याकार रंजीत बहादुर माथुर ने बाबू कुंवर सिंह के स्वतंत्रा संग्राम में योगदान पर प्रकाश डालते हुये कहा कि नाना साहब, तात्या टोपे आदि के साथ मिलकर कुंवर सिंह ने अंग्रेज़ो के कई योद्धाओं को हराकर आरा शहर को आजाद कराया। कुंवर सिंह योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता।
वही प्रो. लालबाबू निराला ने कहा कि ऑनलाइन कनवरसेशन में स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देना एक अनूठा प्रयास है। इस अवसर पर राजा कुमार, अनिष कुमार, सोनम कुमारी व हर्षिता विक्रम ने भी अपनी अनुभूतियों को प्रकट किया। संचालन गुरु बक्शी विकास ने व धन्यवाद ज्ञापन शिवादि क्लासिक सेंटर ऑफ आर्ट एण्ड म्यूजिक की केद्राधीक्षक कथक नृत्यांगना आदित्या ने किया। ऑनलाइन कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत विदुषी बिमला देवी समेत छपरा, सीवान, मुजफ्फरपुर व पटना समेत कई जिलों के लोग शामिल हुये।