Development journey of Shahpur: भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत के प्रथम चुनाव 2007 के पश्चात बीते 17 वर्षों ने इस नगर की विकास यात्रा को कई प्रश्नों के समक्ष खड़ा कर दिया है।
- हाइलाइट्स:Development journey of Shahpur
- शाहपुर नपं की विकास यात्रा, उपकरणों की खरीद व आधारभूत संरचना में भ्रष्टाचार की झलक
- बीते 17 वर्षों के बाद भी शाहपुर नपं का समग्र विकास अभी तक एक सपना ही बना हुआ है
आरा/शाहपुर: भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत के प्रथम चुनाव 2007 के पश्चात बीते 17 वर्षों ने इस नगर की विकास यात्रा को कई प्रश्नों के समक्ष खड़ा कर दिया है। जब हम नगर के आधारभूत संरचना, सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य की ओर नज़र डालते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि शाहपुर नगर का समग्र विकास अभी तक एक सपना ही बना हुआ है। नपं प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की असफलता ने विशेष रूप से गरीबों और शोषितों की स्थिति को और भी दयनीय बना दिया है। उपकरणों की खरीद व आधारभूत संरचना में भ्रष्टाचार की झलक साफ प्रतीत होती है।
प्रथम दृष्टया, शाहपुर नगर के वार्ड संख्या-01 से लेकर 11 तक में भव्य इमारतों और चमक-दमक की कोई कमी नहीं है, लेकिन इसी के साथ झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की बदहाली भी हमारी आँखों के सामने है। एक ओर, कुछ क्षेत्र पॉश माने जाते हैं, वहीं दूसरी ओर अन्य इलाके में सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहें मौलिक जरूरतों के कल्याणकारी योजनाओं के सही कार्यान्वयन के लिए भी लोग तरस रहे हैं।
इस असमानता के परिप्रेक्ष्य में, यह प्रश्न उठता है कि अपने नागरिकों की वास्तविक समस्याओं को समझने और हल करने में असफल जनप्रतिनिधियों एवं नपं प्रसाशन से क्या समग्र विकास की आशा की जा सकती है। नगर क्षेत्र में कितने आवासहीन परिवार हैं, राज्य सरकार इसका विस्तृत सर्वे करा रही है। 15 फरवरी 2025 तक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है।
सरकार के एजेंडे में गरीबों और वंचितों का उत्थान सर्वोच्च प्राथमिकता में है। लेकिन दुर्भाग्यवश शाहपुर नगर पंचायत इस लक्ष्य से काफी पीछे रह गया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण और योजनाबद्ध विकास की अनुपस्थिति में, नगर की जर्जर स्थिति एक निरंतर समस्या बनी हुई है। यह अधिक चिंता की बात है कि जिन प्रतिनिधियों पर जनता ने विश्वास किया, वही नगर की अव्यवस्था में सहभागी बने हुए हैं।