Thursday, March 28, 2024
No menu items!
HomeNewsहाईकोर्ट के निर्णय से अति पिछड़ों के आरक्षण पर लगा तत्काल रोक

हाईकोर्ट के निर्णय से अति पिछड़ों के आरक्षण पर लगा तत्काल रोक

Bihar municipal elections due:हाईकोर्ट के निर्णय से बिहार नगरपालिका चुनाव पर ग्रहण

खबरे आपकी:पटना:- बिहार में चल रहे नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है. पटना हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया है. पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया.हाईकोर्ट ने सबसे ज्यादा नाराजगी राज्य निर्वाचन आयोग पर जतायी है. राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा ही नगर निकाय चुनाव कराया जाता है. हाईकोर्ट ने कहा है कि बिहार का राज्य निर्वाचन आयोग अपने संवैधानिक जिम्मेवारी का पालन करने में विफल रहा.

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

Bihar municipal elections due:हाईकोर्ट के निर्णय से बिहार नगरपालिका चुनाव पर ग्रहण

बता दें कि सुनील कुमार यादव बनाम राज्य सरकार एवं अन्य की समादेश याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर 29 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी. आज पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और एस. कुमार की बेंच ने अपना फैसला दे दिया है. हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जो आदेश दिया था, उसका बिहार में पालन नहीं किया गया.

अति पिछड़ों के आरक्षण पर तत्काल रोक
याचिकाकर्ता अधिवक्ता सुनील कुमार यादव ने कहा की हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में अति पिछड़ों के आऱक्षण पर तत्काल रोक दिया है. कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़ों के आरक्षण के लिए तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं की.

बता दें कि स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण दिये जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में फैसला सुनाया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती. सुप्रीम कोर्ट ने जो ट्रिपल टेस्ट का फार्मूला बताया था उसमें उस राज्य में ओबीसी के पिछड़ापन पर आंकड़े जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने को कहा था. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल सीटों का 50% की सीमा से ज्यादा नहीं हो.
फिलहाल अति पिछड़े सीट सामान्य माने जायेंगे
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा नहीं कर लेती तब तक अति पिछडों के लिए आरक्षित सीट सामान्य माने जायेंग. राज्य निर्वाचन आयोग अति पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य घोषित कर चुनावी प्रक्रिया को फिर से शुरू कर सकता है. लेकिन अति पिछ़ड़ों को आरक्षण देने से पहले हर हाल मे ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

हाईकोर्ट ने कहा है राज्य निर्वाचन आयोग या तो अति पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य करार देकर चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ाये या फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट करा कर नये सिरे से आरक्षण का प्रावधान करे.

होईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के रवैये पर गहरी नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी संवैधानिक जिम्मेवारी पूरी नहीं की. निर्वाचन आयोग हर बात के लिए राज्य सरकार पर निर्भर रहा. हाईकोर्ट ने पिछली तारीख पर ही कहा था कि निर्वाचन आयोग चुनाव के डेट को आगे बढ़ा सकता है लेकिन आयोग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

RAVI KUMAR
RAVI KUMAR
Journalist
- Advertisment -
aman singh
sambhavna

Most Popular

Don`t copy text!