Bharat Kumar Sinha: शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या- 08 स्थित अनपूर्णा हाई स्कूल में गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जन्म जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई।
- हाइलाइट : Bharat Kumar Sinha
- शिक्षक दिवस के दिन छात्र अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और प्रेम को स्पष्ट रूप से प्रकट करते हैं: मुन्ना पांडेय
आरा/शाहपुर: भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या- 08 स्थित अनपूर्णा हाई स्कूल में गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जन्म जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई। उद्घाटन विद्यालय के संरक्षक शिक्षाविद भरत कुमार सिन्हा ने किया। तत्पश्चात डॉ. राधाकृष्णन के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
स्वागत करते शिक्षाविद भरत कुमार सिन्हा ने कहा की शिक्षा समाज के विकास का मूल आधार है। एक कुशल शिक्षक अपनी छात्र की सफलता से प्रभावित होता है क्योंकि यह उसकी मेहनत और शिक्षण विधियों का प्रतिफल होता है। जब एक छात्र परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करता है, या जीवन में सफलताएँ अर्जित करता है, तब शिक्षक गर्व महसूस करता है। यह गर्व एक तरह से शिक्षक के काम की प्रशंसा है। यह कहना उचित होगा कि शिक्षक की भूमिका समाज में केवल ज्ञान का वितरण करना नहीं, बल्कि अपने छात्रों की सफलताओं में अपने योगदान को पहचानना है। शिक्षक अपने छात्रों की उपलब्धियों को अपनी सफलता के रूप में देखते हैं, यही वास्तविक शिक्षक की पहचान है।
विदित रहे की हर वर्ष 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाते हैं, जो कि शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने का एक विशेष अवसर है। यह दिन भारतीय गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद, दार्शनिक और नेता थे, जिन्होंने शिक्षा को समाज के विकास का मूल आधार माना।
शिक्षक दिवस का महत्व केवल शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें शिक्षा के महत्व और उसकी भूमिका को भी समझाता है। शिक्षक समाज की नींव होते हैं; वे न केवल ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि व्यक्तित्व विकास, नैतिक मूल्यों और जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता भी सिखाते हैं।
शिक्षक दिवस के दिन छात्र अपने शिक्षकों को धन्यवाद देते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। यह एक ऐसा अवसर है जब हम अपने शिक्षकों के प्रति अपने सम्मान और प्रेम को स्पष्ट रूप से प्रकट करते हैं। इसके अलावा, यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षकों की भूमिका केवल कक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के मार्गदर्शक भी होते हैं।
समाजसेवी मुन्ना पांडेय ने कहा की शिक्षक दिवस हमें यह प्रेरणा देता है कि छात्र अपने शिक्षकों की मेहनत और समर्पण को समझें और अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहें। शिक्षक केवल ज्ञान के द्वार खोलने वाले नहीं होते, बल्कि वे हमारी सोच की दिशा को भी निर्धारित करते हैं। शिक्षक दिवस एक ऐसा अवसर है जो हमें शिक्षकों के महत्त्व और उनकी भूमिका को स्मरण कराने के लिए प्रेरित करता है।