सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का मामला
कोरोना के खौफ से मरीज को मदद के लिये नहीं आये कर्मी
गोद में उठा इमरजेंसी वार्ड से ओपीडी और फिर अॉटो से ले गये प्राइवेट अस्पताल
रिपोर्टः मो. वसीम
बिहार।आरा। कोरोना वायरस महामारी से आम लोगों में खौफ पैदा हो गया है। स्थिति ऐसी हो गयी है कि अब लोग गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों की मदद करने से भी परहेज करने लगे हैं। मंगलवार को आरा सदर अस्पताल में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां एक लकवा की शिकार महिला के परिजन उसे गोद में उठाकर भटकते रहे, लेकिन मदद करने कोई नहीं आया। मरीज के परिजन मदद के लिए गुहार लगाते रहे। बावजूद इसके कोई भी उनकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया। इसे देखकर यह साफ जाहिर होता है कि कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही आम लोगों के भी दिल व दिमाग में खौफ पैदा कर दिया है।
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जानकारी के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जमीरा गांव निवासी स्व. मोती लाल की पत्नी चिंता देवी को मंगलवार की सुबह लकवा मार दिया। इसके कारण परिजन इलाज के लिये आरा सदर अस्पताल ले आए थे। कुछ देर बाद ही अस्पताल में एक शख्स की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गयी। इसके बाद पूरे इमरजेंसी वार्ड में हड़कंप मच गया। इसके कुछ ही देर बाद इमरजेंसी वार्ड में ऑन ड्यूटी डॉक्टर अपना चेंबर छोड़ कर हट गये। सभी स्वास्थ्य कर्मी भी वहां से बाहर निकल गये।
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सबसे दुखद बात तो यह रही कि कुछ ही घंटों पहले आयी पीड़ित महिला को लावारिस अवस्था में छोड़ भाग गये। वहीं दूसरी ओर अफरातफरी के इस माहौल में उस पीड़ित महिला के परिजन साथ आये महिलाओं की मदद से उसे गोद में टांग कर इमरजेंसी वार्ड से ओपीडी तक ले गये।इस बीच स्वास्थ्य कर्मी और कई एंबुलेंस भी वहां खड़ी रही, पर कोई उनकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया। काफी मशक्कत के बाद उनके परिजन एक ऑटो की मदद से उसे इलाज के लिए शहर के निजी क्लिनिक में ले जाया गया।