Festival of Bhaiya Dooj: शुभ मुहूर्त में बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाने के बाद उन्हें मिठाई खिलाई और लंबी आयु व जीवन में सुख-शांति की कामना की।
- हाइलाइट :Festival of Bhaiya Dooj
- बहनों ने भाइयों की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखा
Festival of Bhaiya Dooj आरा: दीपावली के बाद भाई-बहन के स्नेह का पवित्र पर्व भैया दूज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शुभ मुहूर्त में बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाने के बाद उन्हें मिठाई खिलाई और लंबी आयु व जीवन में सुख-शांति की कामना की। वहीं भाइयों ने बहनों से आशीर्वाद लेने के बाद उन्हें आकर्षक उपहार भेंट किए। इसके साथ ही जो भाई इस पर्व में बहन के पास नहीं पहुंच पाए, उन्होंने मोबाइल पर वीडियो कॉल कर एक-दूसरे को पर्व की बधाई दी।
दीपावली पांच पर्वों का त्यौहार है, जिसमें रविवार को भैया दूज का पर्व शहर से लेकर गांव-गांव में धूमधाम के साथ मनाया गया। भाई बहनों के घर पहुंचे या बहन भाई के घरों पर पहुंचीं। बहनों ने भाइयों की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखा। विवाहित बहनों ने दूर-दूर से आकर मायके में भाइयों के साथ भैया दूज का पर्व मनाया। बहनों ने शुभ मुहूर्त में भाइयों का तिलक किया, कलावा बांधा और भाइयों की आरती उतारकर उन्हें मिठाई खिलाई और नारियल भेंट किया। एक ओर जहां बहनों ने भाइयों को मिठाई खिलाई तो भाइयों ने बहनों को आकर्षक उपहार दिये। इसके साथ ही भाइयों ने बहनों की रक्षा का भी संकल्प लिया।
भैया दूज को लेकर रविवार को बाजारों में एक बार फिर रौनक देखी गई, खासकर मिठाइयों की दुकान व गिफ्ट वाली दुकानों में। मिठाइयों की दुकानों में कुछ बहनें भाइयों को लेकर पहुंची और भाइयों की पसंद की मिठाई खरीदी गई। इसी तरह भाइयों ने भी गिफ्ट की दुकानों में बहन की पसंद के उपहार खरीदे। इस प्रकार मिठाइयों, रेडीमेड कपड़ों और साड़ियों की दुकानों पर भी खासी भीड़ रही। भैया दूज केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का उत्सव है। शहरों की चमक-दमक से लेकर गांवों की सरलता तक, यह पर्व हर जगह समान उत्साह और जोश के साथ मनाया गया।