Govardhan: भोजपुर जिले के विभिन्न गांवों में शनिवार को हर्षोल्लास के साथ गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की गई। जिले के कई गांवों में शुक्रवार को भी गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया था।
- हाइलाइट : Govardhan
- परंपरागत तरीके से मना गोवर्धन पूजा एवं गायडाढ़ का त्योहार
- गाय पर अक्षत फेंकने के साथ शुभ लग्न का मुहूर्त शुरू
Govardhan आरा: गोवर्धन पूजा व गायडाढ़ का त्योहार शनिवार को आरा शहर सहित पूरे भोजपुर जिले में परंपरागत ढंग से मनाया गया। इसमें लोगों का उत्साह देखते बन रहा था। शहर के विभिन्न मुहल्ले में स्थापित गोवर्धन भगवान की प्रतिमा स्थल पर विधिवत पूजा-अर्चना की गई। वहीं गायडाढ़ का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया गया। गायडाढ़ को लेकर लोग अपनी गायों को सुबह से ही सजाना शुरू कर दिया था। पशुपालक अपनी गायों को सजाकर डंके के साथ गायडाढ़ स्थल पर पहुंचे। इसके पूर्व पशुपालक अपनी गायों को आकर्षक ढंग से सजाकर मां आरण्य देवी के मंदिर में पहुंचे। जहां गायों की गौ माता की ब्राह्मणों ने विधि विधान से पूजा करवाया।
इस दौरान मंदिर परिसर में “मां आरण्य देवी मैया की जय” के जयकारे गूंज उठे। यह सिलसिला शनिवार की शाम करीब एक घंटे तक चलता रहा। इस दौरान पशुपालकों द्वारा गौ माता को फूल माला पहनाया गया और लड्डू-मिठाई खिलाया गया। ब्राह्मणों को दक्षिणा भी दिया। इस अवसर पर परंपरागत हथियारों से कला का प्रदर्शन किया गया। गायडाढ़ को लेकर जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ।
भोजपुर जिले के विभिन्न गांवों में शनिवार को हर्षोल्लास के साथ गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की गई। जिले के कई गांवों में शुक्रवार को भी गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया था। हालांकि, अधिकतर गांवों में शनिवार को लोगों ने गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया। गोवर्धन पूजा पुरानी पंरपरा के अनुसार लोगों ने खुशी के साथ पुआ-पकवान और मिष्ठान के साथ ढोल-नगाड़े के साथ मनायी।
‘गोवर्धन धारी’ के रूप में प्रसिद्ध भगवान श्री कृष्ण
गोवर्धन पर्वत (Govardhan) की पूजा न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं से जुड़े मूल्यों का संवर्धन भी करती है। गोवर्धन पर्वत की पूजा भारतीय संस्कृति और परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह पर्वत उत्तर प्रदेश के वृंदावन क्षेत्र में स्थित है और कृष्ण भगवान से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गोवर्धन पर्वत को भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी, जब इन्द्र देव ने गोकुल पर मूसलधार वर्षा शुरू कर दी थी। इस घटना ने भगवान श्री कृष्ण को ‘गोवर्धन धारी’ के रूप में प्रसिद्ध किया। तब से इस पर्वत की पूजा का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह भक्तों के बीच एकजुटता और समर्पण की भावना को भी बढ़ावा देता है।
शुभ लग्न का मुहूर्त शुरू
गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन श्रद्धालु गायों को अक्षत, फूल, और मिठाई अर्पित करते हैं। गायों पर अक्षत फेंकने की परंपरा में अतिपावनता और समृद्धि का संदेश निहित है। गाय पर अक्षत फेंकने के साथ शुभ लग्न का मुहूर्त शुरू हो जाता है।
परंपरा के अनुसार मनाया गया गोवर्धन पूजा का उत्सव
परंपरा के अनुसार शाहपुर प्रखंड के लालूडेरा, ईश्वरपुरा, सरना, भरौली, सहजौली, बिलौटी, हरिहरपुर, झौआ बेलवनिया, डुमरिया, लक्षु टोला , दामोदरपुर , धमवल, बरिसवन, सेमारिया,सूहीया, बहोरनपुर, गौरा, कर्जा , देवमालपुर बहुदारी पंचायत के विभिन्न गांवों में गोवर्धन पर्वत की पूजा धूमधाम से की गई।
इधर, शाहपुर नगर पंचायत में शनिवार को गोवर्धन पूजा धार्मिक मान्यता के अनुसार मनाया गया। गाय पर अक्षत फेंकने के साथ शुभ लग्न का मुहूर्त शुरू हो गया। इस अवसर पर लोगों ने लाठी, गदका, बाना, बनईठी भांजकर त्योहार मनाया। पूर्व मुख्य पार्षद शरदानंद सिंह उर्फ गुड्डू यादव, पैक्स अध्यक्ष रंगलाल यादव, राकेश यादव, पिंटू मास्टर, मुन्ना यादव, संजय यादव, रामदुलार यादव, धोनी यादव सहित सैकड़ों लोग पूजा में शामिल हुए।
पूजा के दौरान कुश्ती-दंगल का आयोजन
सदियों काल से मनाये जाने वाले इस त्योहार पर लोगों ने परंपरा के अनुसार लाठी भांजने और कुश्ती लड़ने से लेकर अन्य कई परंपराओं को जीवंत रखते हुए बहुत ही धूम धाम से मनाया। उदवंतनगर प्रखंड के रघुनीपुर गांव में गोवर्धन पर्वत की पूजा धूमधाम से की गई। असनी गांव में भव्य रुप से पूजा के दौरान कुश्ती-दंगल का आयोजन किया गया। कुश्ती में जिले के विभिन्न गांवों से आये पहलवानों में अपना दम दिखाया।
वहीं प्रखंड के जैतपुर, गड़हां, सोनपुरा, कोहड़ा, उदवंतनगर, कसाप, नीमा, पियनियां, जयनगर, सखुआं, सरथुआं, कुसुम्हां, कुसुम्हीं, समेत अन्य कई गांवों में गोवर्धन पूजा मनाई गई। खरौनी गांव में गोवर्धन पूजा के अवसर पर दोगोला गायन का आयेजन किया गया। बिहिया जगदीशपुर, चरपोखरी, संदेश, गड़हनी, सहार, कोईलवर व बड़हरा के गांवों में भी भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की पूजा की गई।
अगिआंव के ढकनी, डुमरिया व लसाढ़ी समेत अन्य कई गांवों में धूमधाम से गोवर्धन पर्वत की पूजा की गई। चर्तुर्भुजी बरांव और इनरपतपुर में भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना पीरो। प्रखंड के चर्तुर्भुजी बरांव व इनरपतपुर में शनिवार को गोवर्धन पूजा पर भगवान श्रीकृष्ण व गोवर्धन पर्वत की पूजा की गयी।
कार्यक्रम में शामिल अतिथियों ने लम्बी कूद, उंची कूद, बाना बनैठी, गदका और लाठी भांजने के खेल का आनंद लिया। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। उद्घाटन चतुर्भुजी बरांव में पंचायत के मुखिया श्रीराम सिंह यादव और इनरपतपुर में अमित यादव ने किया।
Govardhan Puja के मौके पर जिला परिषद् सदस्य जिप्सा आनंद, सत्येन्द्र सिंह, संजय सिंह, हवा सिंह, सुरेश सिंह, अजय सिंह, कल्लु सिंह, मुन्ना सिंह, संतोष सिंह, सुरेश यादव, मुकेश यादव, दीपक यादव, राकेश सिंह और मनीष कुमार ने गोवर्धन पूजा के धार्मिक मान्यता पर प्रकाश डाला।