Govardhan Puja 2022: सुबह से लेकर आज दिनभर रहेगा सूतक, नहीं होगी पूजा-पाठ
- ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है सूतक,पूजा-पाठ वर्जित
- गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा
खबरे आपकी : इस बार दिवाली और गोवर्धन पूजा के साथ सूर्य ग्रहण का संयोग बना है। ऐसे में दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला पर्व गोवर्धन पूजा अब बुधवार को होगी और इसी दिन भाईदूज का भी त्योहार मनाया जाएगा। वहीं, सूर्यग्रहण का सूतककाल लगने के कारण घरों के साथ ही मंदिरों में पूजा-पाठ वर्जित रहेगा।
दीपावली के ठीक दूसरे दिन यानी 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। इसके कारण विभिन्न मंदिरों में होने वाले अन्नकूट महोत्सव को एक दिन टाल दिया गया है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है। इन पकवानों को ‘अन्नकूट’ कहते हैं।
Govardhan Puja 2022: ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है सूतक
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सूर्य ग्रहण का सूतक, ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। भारत में सूर्य ग्रहण शाम 4 बजे से दिखाई देगा। ऐसे में इसका सूतक काल सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। इस स्थिति में गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर के बजाए 26 अक्टूबर को होगी।
सुबह से लेकर आज दिनभर रहेगा सूतक, नहीं होगी पूजा-पाठ
वैसे तो ये खगोलीय घटना है, लेकिन धर्म के नजरिए से भी ये सूर्य ग्रहण खास रहेगा, क्योंकि इस बार दिवाली के अगले दिन ये पड़ रहा है। भारत में शाम 4 बजे से ग्रहण शुरू होने की वजह से इसका सूतक 12 घंटे पहले, यानी सुबह 4 बजे से ही शुरू हो जाएगा। इसलिए गोवर्धन पूजा 25 की बजाय 26 अक्टूबर को होगी।
गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा
मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्ण ने इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी।
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