Thursday, January 30, 2025
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शपथ-पत्र में तथ्य छुपाकर चुनाव जीते पार्षदों में मची खलबली, खतरे में सदस्यता

Hiding facts Affidavit : नगर पंचायत शाहपुर में शपथ-पत्र में तथ्य छुपाकर चुनाव जीते दो पार्षदों की सदस्यता राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रद्द कि जा चुकी है।

Hiding facts Affidavit : भोजपुर के शाहपुर में शपथ-पत्र में तथ्य छुपाकर चुनाव जीते दो पार्षदों की सदस्यता राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रद्द कि जा चुकी है।

Futen Ansari
raju yadav
Bijay
Futen Ansari
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  • हाइलाइट : Hiding facts Affidavit
    • नामांकन के दौरान तथ्य छुपाए जाने के मामले में जा सकती है सदस्यता

आरा/शाहपुर : उम्मीदवारों के लिए नामांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी का होना अनिवार्य है। नगर निकाय चुनाव में यदि कोई उम्मीदवार तथ्य छुपाता है व ऐसे मामले राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष उजागर होने के बाद आयोग के आयुक्त को उनकी सदस्यता रद्द करने का अधिकार है। मालूम हो की भोजपुर जिला अंतर्गत कई नगर निकायों में पार्षद व मुख्य पार्षद द्वारा शपथ-पत्र में तथ्य छुपाए जाने के मामले में उनकी सदस्यता आयोग द्वारा रद्द की जा चुकी है।

Madan Yadav
Badak Kushwaha
Junior Engineer
Madan Yadav
Badak Kushwaha
Junior Engineer

इधर, शपथ-पत्र में तथ्य छुपाकर चुनाव जीते नगर पंचायत शाहपुर के दो पार्षदों की सदस्यता राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रद्द कि जा चुकी है। अन्य पार्षदों कि कुंडली विरोधियों द्वारा खंगाली जा रही है। इससे खलबली मची हुई है। जानकारों का मानना है कि शाहपुर नगर पंचायत में और कई प्रतिनिधि है जिन्होंने शपथ-पत्र में तथ्यों को छुपाकर चुनाव को प्रभावित करने एवं जीतने में कामयाब रहें है। लेकिन अब वही शपथ-पत्र कि समस्या कई प्रतिनिधियों को प्रभावित करने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले को राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष ले जाने से पहले विधिक राय ली जा रही है। वही राज्य निर्वाचन आयोग में मामला दायर होने के बाद ऐसे प्रतिनिधियों कि सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya

इधर, कई लोगों ने अपनी राय प्रकट करते हुए कहा कि शाहपुर के समाजसेवी और बुद्धिजीवि नागरिकों को शाहपुर के विकास पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए कि क्या आपका प्रतिनिधित्व करनेवाला प्रतिनिधि सही है? अगर नहीं तो ऐसे प्रतिनिधियों पर नगरपालिका अधिनियम के तहत सुनिश्चित कारवाई कि नियमावली बनाई गई है। जनता को नगरपालिका अधिनियम के तहत वापस बुलाने के अधिकार का भी उपयोग करना चाहिये ।

Hiding facts Affidavit : बकाए टैक्स को छुपाने में गई थी आरा मेयर की सदस्यता

बता दें कि आरा नगर निगम की पूर्व मेयर के खिलाफ वर्ष 2018 में राज्य निर्वाचन आयोग में नामांकन के दौरान तथ्य छुपाए जाने का आरोप लगाकर मामला दायर किया गया था। राज्य निर्वाचन आयोग को बताया गया था कि नामांकन के दौरान पूर्व मेयर ने अपनी जमीन से संबंधित जानकारी और नगर निगम में बकाए टैक्स को छुपाया है। आयोग में मामला दायर होने के बाद आयोग ने जिलाधिकारी भोजपुर से इस संबंध में रिपोर्ट की मांग की थी।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मांगे गए रिपोर्ट के आलोक में जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट को आयोग में भेजा था, जिस पर आयोग ने सुनवाई के दौरान गंभीर टिप्पणी भी की थी और दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18(1) (ट) के अंतर्गत पूर्व मेयर की सदस्यता को रद्द कर दिया था।

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भीम सिंह 'भवेश'
भीम सिंह 'भवेश'

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