आरा :106 वीं छः दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह सह झूलनोत्सव पर पंडित मिश्र ने कहा कि आरा शहर की प्राचीन संगीत परंपरा की खुशबू कायम है। आरा के महाजन टोली स्थित ठाकुरवाड़ी में कई भारत रत्न व पद्मविभूषण से सम्मानित कलाकार प्रस्तुतियां कर चुके हैं। उक्त बाते समारोह के उद्घाटनकर्ता नई दिल्ली के प्रख्यात संगीत शब्दकार पंडित विजय शंकर मिश्र ने उद्घाटन सह संबोधन में कहीं।
अवसर था लीजेंड बक्शी कुलदीप नारायण सिन्हा मेमोरियल कल्चरल सोसायटी के तत्वाधान में आयोजित 106 वीं छः दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह सह झूलनोत्सव पंडित मिश्र ने कहा कि कृष्ण के सोलह कलाओं में संगीत व नृत्य उल्लेखनीय हैं। कृष्ण के मुरली सुनकर पशु-पक्षी भी सम्मोहित हुए। आरा की संगीत परंपरा कों समृद्ध करने में बक्शी कुलदीप नारायण का महत्वपूर्ण योगदान हैं। आरा में कुलदीप जी की सांगीतिक परंपरा शताब्दी से कायम है।
समारोह के पहले दिन शास्त्रीय गायिका विदुषी बिमला ने राग रागेश्री में बड़ा ख्याल “धन्य धन्य भाग कुंवर बृजराज मोरे घर आए” तीनताल मैं छोटा ख्याल “बाज रही घनघोर बधाई, व तुम सुजान करुणा के सागर” खमाज की ठुमरी “जाओ वहीं तुम श्याम जहां सारी रैन जगे” दादरा व भजन प्रस्तुत कर समां बांधा।
तबले पर आचार्य चंदन कुमार ठाकुर ने संगत कर वाहवाही लूटी। हारमोनियम संगत बक्शी विकास ने किया। इस वर्चुअल समारोह का संचालन कथक नृत्यांगना आदित्या व धन्यवाद ज्ञापन नृत्यांगना सोनम कुमारी ने किया।
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