Sunday, April 28, 2024
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भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, प्रभु श्रीराम की मूर्ति को निहारते रह गए लोग

Shri Ram: आस्था की हिलोरों के बीच सजल नेत्रों ने पांच सदी बाद रामलला के दिव्य दर्शन किए। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर प्रथम दर्शन की फोटो वायरल हो गई।

हाइलाइट :-

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भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी।

हरषित महतारी मुनि मन हारी। अद्भुत रूप विचारी।।

खबरे आपकी मूर्ति को निहारते रह गए लोग त्रेता में श्रीराम (Shri Ram) जब प्रगट हुए तो उनकी मां कौशल्या अपने शिशु का रूप ही निहारती रह गईं। प्रभु ने अपना विराट रूप दिखाया तो कौशल्या बोलीं…नहीं…इस रूप में नहीं, आप बाल रूप में आइये। राम ने अपना विराट रूप त्यागा और मां की गोद में खिलखिलाने लगे।

गोस्वामी तुलसीदास भी कह उठे….भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मन हारी। अद्भुत रूप विचारी। ऐसी ही अनुभूति देश-दुनिया के उन कोटि-कोटि लोगों को हुई जो रामलला के विग्रह का प्रथम दर्शन कर रहे थे।

आस्था की हिलोरों के बीच सजल नेत्रों ने पांच सदी बाद रामलला के दिव्य दर्शन किए। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर प्रथम दर्शन की फोटो वायरल हो गई।

रामलला का अद्भुत दिव्य शृंगार देखकर सभी अभिभूत थे। लोग बरबस निहार कर कह रहे थे….क्या दिव्य स्वरूप है। बोलता हुआ। राजीव नयन। यह मूर्ति अरुण योगीराज ने बनाई है। इनकी खूब सराहना की गई।

RAVI KUMAR
RAVI KUMAR
Journalist
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Vikas singh
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