Sakadi-Nasariganj State Highway: पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगा सड़क पर उतरे माले कार्यकर्ता
खबरे आपकी भोजपुर जिले के इमादपुर थाना क्षेत्र के भुइयां टोला में बुधवार की सुबह एक फेरी वाले की मौत हो गयी। मृतक भुइयां टोला निवासी नेउर साह का पुत्र नन्हक साह (46 वर्ष) था। उसकी मौत के बाद जमकर बवाल मचा। कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगा माले कार्यकर्ता सड़क पर उतर गये। इस दौरान शव के साथ सड़क जाम कर दिया गया। इमादपुर थानाध्यक्ष पर फेरीवाले की पिटाई करने का आरोप लगा माले समर्थक बेंच लगाकर बीच सड़क पर बैठ गये। साथ ही नारेबाजी की जाने लगी। लोग मृत के परिजनों को मुआवजा के तौर पर चार लाख रुपये, समाजिक सुरक्षा पेंशन, पीएम आवास देने और मारपीट करने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करते हुये बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे। इसके कारण सकड्डी-नासरीगंज स्टेट हाईवे पर आवागमन ठप हो गया।
Sakadi-Nasariganj State Highway: एसडीपीओ के आश्वासन पर शांत हुये लोग, बोले: मिलेगा उचित मुआवजा
पुलिस का मारपीट करने से साफ इनकार, बोली: बीमारी से हुई मौत
सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस पहुंची, लेकिन लोग वरीय अफसरों को बुलाने की मांग करने लगे। सूचना पर पीरो एसडीपीओ राहुल सिंह पहुंचे और समझाकर लोगों को शांत कराया। इस कारण स्टेट हाईवे करीब आठ घंटे तक जाम रहा। एसडीपीओ ने मारपीट के आरोप को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने कहा कि फेरीवाला पहले से ही बीमार था। उसी कारण उसकी मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि मृतक के आश्रितों को हर उचित मुआवजा दिया जायेगा। इसे लेकर बीडीओ से बात हो चुकी है।
Sakadi-Nasariganj State Highway सड़क जाम में शामिल माले नेता कृष्णा प्रसाद गुप्ता ने कहा कि नन्हक साह गांवों में घूमकर फेरी कर कपड़ा बेचते थे। उसी के जरिये वह अपने परिवार का परवरिश करते थे। दो दिन पूर्व नन्हक साह फेरी करने बाद शाम में घर लौटे और दरवाजे पर भूंजा फांकने लगे। तभी स्थानीय पुलिस आ धमकी और शराब पीने के आरोप लगा नन्हक के साथ मारपीट करने लगी।थानाध्यक्ष द्वारा भी लप्पड़ से पिटाई की गयी। पुलिस की पिटाई के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और दो दिन के बाद मौत हो गई। इधर, थाना इंचार्ज ने इससे साफ इनकार किया है।
परिजनों ने केस करने और पोस्टमार्टम कराने से किया इंकार
इधर, मौत और घंटों रोड जाम के बाद मृत फेरीवालों के परिजनों ने केस करने से इनकार कर दिया। शव का पोस्टमार्टम कराने से भी मना कर दिया गया। इस संबंध में परिजनों ने थाने में लिखित जानकारी दी है। उसके बाद शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। एसडीपीओ राहुल सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि थाने पहुंचे परिजनों ने साफ कहा कि उनको केस नहीं करना है। परिजनों द्वारा ही उनकी दिल की बीमारी होने की बात कही गयी। इधर, फेरीवाले की मौत के बाद उसके घर में कोहराम मचा है। पत्नी और बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। बताया जा रहा है कि फेरीवाला ही अपने घर के इकलौता कमाऊ सदस्य था। उसके घर में पत्नी लालती देवी, पुत्री शांति कुमारी 12 वर्ष, कांति कुमारी 10 वर्ष, खुशबु कमारी 08 वर्ष और पुजा कुमारी 06 वर्ष है।
रोड जाम के दौरान तैनात थी काफी संख्या में पुलिस
फेरीवाले की मौत और सड़क जाम को लेकर एहतियात के तौर पर तरारी, सिकरहटा, चौरी और इमादपुर पुलिस मौके पर कैंप कर रही थी। एसडीपीओ राहुल सिंह भी इमादपुर थाने में पहुंच स्थिति का जायजा लेते रहे। करीब तीन बजे दिन में एसडीपीओ की पहल मृतक के परिजन सहित रोड जाम करने वाले लोगइमादपुर थाने पहुंचे और एसडीपीओ से वर्तालाप की गई। उसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
रोड जाम: मुआवजे की मांग या फिर किसी की साजिश
Sakadi-Nasariganj State Highway: फेरीवाले की मौत के बाद रोड जाम करने का मकसद क्या था? पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करवाना और मृत फेरीवाले के आश्रितों को मुआवजा दिलाना या किसी की साजिश थी? इसकी चर्चा इलाके में काफी तेज हो गयी है। मृतक के परिजनों द्वारा केस नहीं करने और शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार करने से इस को चर्चा काफी बल मिला है। इधर,पुलिस भी साजिश से इनकार नहीं कर रही है। एसडीपीओ राहुल सिंह का भी कुछ ऐसा ही मानना है। कहा कि यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। लेकिन पंचायत की राजनीति और कुछ माफिया किस्म के लोगों की भूमिका से नकारा नहीं जा सकता है। कहा कि हो सकता है कि बालू और शराब के धंधे में शामिल लोगों द्वारा पुलिस पर दबाव बनाने के लिये गलत प्रचार कर उकसाया जा रहा हो।
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