Shahpur JE exposed: शाहपुर नगर पंचायत में कई गड़बड़ी के मामले उजागर हो चुके हैं। लेकिन आज तक मामलों में शमिल किसी भी अधिकारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत नहीं दी गई है।
- हाइलाइट :- Shahpur JE exposed
- कागजों में ही बना दी सड़क किनारे नाला
- भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई जल मीनार
- चुनाव आचार संहिता के दौरान नगद पैसा बाटने का मामला
आरा/शाहपुर: बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत में कई घोटालों का खुलासा हो चुका है। इसमें आरोपी रहे किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई या पुलिस में शिकायत नहीं दी गई। नगर पंचायत द्वारा अगर पुलिस में किसी मामले को लेकर शिकायत दी भी जाती है तो उसे दर्ज होने से पहले वापस ले लिया जाता है। आरोपी अधिकारी आज भी नगर पंचायत में काम कर रहे हैं।
दरअसल, शाहपुर नगर पंचायत में कई गड़बड़ी के मामले उजागर हो चुके हैं। लेकिन आज तक मामलों में शमिल किसी भी अधिकारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत नहीं दी गई है। इधर, पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने बताया की घोटालों का खुलासा होने पर पैसों के बल पर संविदा कर्मी जेइ जयनन्दन चौधरी द्वारा मामलों को दबा दिया जाता है जैसे की ….
कागजों में ही बना दी सड़क किनारे नाला
ठेकेदार ने नपं के अधिकारी एवं जेइ के साथ मिलीभगत करके सड़क किनारे नाला को कागजों में ही निर्माण करवा दिया। इसके बदले में ठेकेदार को रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है। मामला पकड़ में आने के बाद भी आज तक किसी भी अधिकारी, जेइ या ठेकेदार के खिलाफ नगर पंचायत ने ना तो मामला दर्ज करवाया और ना ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई की गई है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई जल मीनार
घटिया निर्माण कार्य का नतीजा रहा कि लाखों की राशि से वार्ड-10 में बना सीमेंटेड वाटर टावर टंकी पानी का बोझ नहीं उठा सकी और पानी भरते ही धराशायी हो गई। नाराज लोगों ने जिम्मेदार संवेदक, जेई और कार्यपालक पदाधिकारी पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया था और कारवाई करने की मांग की गई थी। लेकीन भ्रष्टाचार के इस मामले की फाइल को भी दबा दी गई। क्योंकि यह कार्य विभाग द्वारा ही कराये जाने की जानकारी सामने आई है ।
चुनाव आचार संहिता का मामला
चुनाव आचार संहिता के दौरान चापाकल लगाने की जांच राजस्व कर्मचारी निखिल कुमार के द्वारा की गई थी और मामला सत्य पाया गया था। कारवाई हेतु शाहपुर सीओ ने कार्यपालक पदाधिकारी को मामला भेज दिया था। इधर, कार्यपालक पदाधिकारी ने संविदा कर्मी जेइ और प्रधान सहायक से दुबारा जांच कराकर आम आदमी पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। राजस्व कर्मचारी के जांच के आधार पर नहीं बल्कि संविदा कर्मी के जांच के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में चापाकल लगाने का श्रेय लेने वाले वायरल तस्वीर के नेताओं को बचाया गया है।
चुनाव आचार संहिता में नगद रुपया वितरण
चुनाव आचार संहिता के दौरान मुख्य पार्षद के घर से भारी मात्रा में (6 लाख से ज्यादा) नगद (कैश ) वितरण किया गया है। जो एनजीओ के एकरारनामा शर्तों का सरासर उल्लंघन है। इसकी जानकारी कार्यपालक पदाधिकारी को भी दी गई है। लेकीन एनजीओ को बचाने हेतु चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले को भी दबाया जा रहा है ।
बोले पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह
इधर, शाहपुर नगर पंचायत के पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने बताया की भ्रष्टाचार से करोड़पति बने नगर पंचायत के प्रतिनिधि, पदाधिकारी, जेइ और कई कर्मचारियों की संपत्ति की मोटी फाइल तैयार कर ली गई है। भ्रष्टाचार से करोड़पति बने इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं इनकी संपत्ति की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से कराने हेतु साक्ष्य के साथ फाइल जल्द ही उपलब्ध करा देने की बात कही गई।