Tuesday, November 19, 2024
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शाहपुर में फर्जी डाक्टरों व नर्सिंग होम के लिए मेडिकल दलाली चरम पर

Fake Doctors and Nursing homes: मेडिकल दलाली! नाम थोड़ा अटपटा जरूर है।लेकिन शाहपुर में मेडिकल दलाली अपने चरम पर हैं।

Fake Doctors and Nursing homes: मेडिकल दलाली! नाम थोड़ा अटपटा जरूर है।लेकिन शाहपुर में मेडिकल दलाली अपने चरम पर हैं। दर्जनों फर्जी लोग डाक्टर बन नर्सिंग होम खोल बैठे हैं।

  • हाइलाइट : Fake Doctors and Nursing homes
    • मोटा कमीशन के लिए डाक्टरों के पास मरीजो फंसाकर लाते हैं दलाल
    • गलत इलाज के कारण पिछले एक साल में कई मरीजो की गई जान

Fake Doctors and Nursing homes शाहपुर: मेडिकल दलाली! नाम थोड़ा अटपटा जरूर है।लेकिन शाहपुर में मेडिकल दलाली अपने चरम पर हैं। दर्जनों फर्जी लोग डाक्टर बन नर्सिंग होम खोल बैठे हैं। कोई हड्डी रोग विशेषज्ञ तो कोई शिशु रोग तो कोई महिला चिकित्सक बनकर मरीजो का इलाज से लेकर ऑपरेशन तक कर रहे हैं। इन डाक्टरों व नर्सिंग होम संचालकों द्वारा रेफरल अस्पताल के कुछ एएनएम, आशा वर्कर्स व कुछ आसपास के दुकान चलाने वाले लोगो को मोटे कमीशन दिया जाता है। जिसके एवज में इन लोगो द्वारा मरीजो को फंसाकर ले जाते हैं।

एक दलाल टाइप व्यक्ति ने बताया कि डिलेवरी, बचदानी व अबॉर्शन में बीस प्रतिशत कमीशन मिलता है। इसके साथ दवा खरीदारी कराने पर दुकानदार द्वारा 20 से 30 फीसदी तक कमीशन मिलता है। इसी लालच मे ये लोग मरीजो को फंसाकर इन चिकित्सकों व नर्सिंग होम तक बेहतर इलाज का झांसा देकर लाया जाता है। शाहपुर में मेडिकल दलाली एक सिंडिकेट का रूप ले चुका है। प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में दलालों के माध्यम से फर्जी चिकित्सक इलाज कर रहे हैं। इसके सबसे ज्यादा गरीब तपके के मरीज फंस जाते हैं। सारे फर्जी चिकित्सक व नर्सिंग होम शाहपुर रेफरल अस्पताल के सौ से दो सौ मीटर की परिधि में स्थित है। कुछ तो रेफरल अस्पताल के बाउंड्री से बिल्कुल सटे हुए हैं। इस पेशे में मोटी कमाई को देखते हुए यह दिनबदिन बढ़ते जा रहा है।

इसका मुख्य कारण इन फर्जी चिकित्सकों व नर्सिंग होम पर आजतक कोई करवाई नही हुई। इनकी एकजुटता व दबंगई के कारण कोई इनके विरुद्ध मुंह नही खोलता सूत्र बताते हैं कि पिछले एक साल में करीब एक दर्जन मरीज फर्जी चिकित्सकों के गलत इलाज व ऑपरेशन के कारण स्वर्ग सिधार चुके हैं। लेकिन मेडिकल दलालों के कारण ये मामले मरीजो के परिजनों को कुछ पैसे देकर रफादफा हो गया।

अधिवक्ता अभय कुमार पांडे कहते है कि मेडिकल के मामले में इस तरह का फर्जीवाड़ा गंभीर समस्या है। जांच व करवाई नही होने के कारण जो सड़क छाप था आज डाक्टर बन गया है। वही उमेश चंद्र पांडे की माने तो यह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के उदासीनता या मिली भगत का नतीजा है।विभाग को चाहिए कि फर्जी डाक्टरों की जांच करे। साथ ही सिर्फ डाक्टर का बोर्ड लगाकर नर्सिंग होम चलाने वालों पर कड़ी करवाई करे। शाहपुर रेफरल अस्पताल के प्रभारी डा. अतिउल्लाह अंसारी ने बताया कि इस संबंध में वरीय पदाधिकारियों को सघन जांच के लिए पत्र भेजा जाएगा।

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