Genealogical Document: पंचायती राज विभाग ने इस दस्तावेज को बनाने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से परामर्श लेने की बात कहते हुए सभी डीएम को करीब 15 दिन पहले एक पत्र भी लिखा था।
- हाइलाइट :-
- राज्य में सरपंचों से वंशावली बनाने का अधिकार बंद हो गया है
- दस्तावेज के बनाने का पांच माह बाद भी नहीं निकला है समाधान
Genealogical Document: बिहार में वंशावली बनाने का समाधान पांच माह बाद भी नहीं निकला है। इस कारण लोगों को काफी समस्या आ रही है। पंचायती राज विभाग ने करीब पांच माह पहले सभी सरपंचों से वंशावली बनाने का अधिकार हटाने से संबंधित अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद से राज्य में इस दस्तावेज के बनाने का काम तकरीबन बंद हो गया है।
पंचायती राज विभाग ने इस दस्तावेज को बनाने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से परामर्श लेने की बात कहते हुए सभी डीएम को करीब 15 दिन पहले एक पत्र भी लिखा था। इसके बाद दो विभागों के बीच यह मामला उलझ गया। हाल में इस मामले को लेकर दोनों विभागों के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है। इस दौरान इससे संबंधित सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, इसमें कोई ठोस निष्कर्ष निकले बिना अंतिम निर्णय यह लिया गया कि अंतिम फैसला सरकार के ऊपर छोड़ दिया जाए। यानी सरकार सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद दोनों में जिस विभाग को वंशावली बनाने की जिम्मेदारी सौंपेगी, वही मान्य होगा। अगर सरकार चाहे, तो यह जिम्मेदारी किसी तीसरे विभाग को भी सौंप सकती है। अब पूरा मामला मुख्य सचिव के पास अंतिम निर्णय के लिए गया हुआ है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, 15 दिन में इस पर कोई ठोस निर्णय होने की संभावना है। वंशावली बनाने की प्रक्रिया सरपंच के स्तर से बंद होने से वर्तमान में इसे बनाने का अधिकार पंचायत सचिव को दिया गया है। परंतु इनके स्तर पर इसे बनाया नहीं जाता है, क्योंकि इसमें कुछ तकनीकी समस्या मौजूद है। कुछ लोग स्वयं अपने स्तर पर बना मजिस्ट्रेट से सत्यापित करवाकर जमा कर रहे है पर यह सभी जगह मान्य नहीं है। वंशावली नहीं बनने से जमीन अधिग्रहण सहित कई समस्या आ रही है।