वंशावली विवाद:- मुख्य सचिव ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और पंचायती राज विभाग के बीच इस विवाद का निबटारा कर दिया। इसके तहत वंशावली निर्गत करने के लिए पंचायती राज विभाग को सक्षम प्राधिकार घोषित करने की जिम्मेवारी दी गयी है।
- हाइलाइट :-
- सरपंच द्वारा वंशावली जारी करने पर लगी थी रोक
- वंशावली बनाने का जिम्मा अब पंचायती राज को मिला
वंशावली निर्माण की बड़ी बाधा दूर हो गयी है। अब इसे बनाने की जिम्मेवारी पंचायती राज विभाग को सौंपी गयी है। बुधवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मुख्य सचिव ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और पंचायती राज विभाग के बीच इस विवाद का निबटारा कर दिया। इसके तहत वंशावली निर्गत करने के लिए पंचायती राज विभाग को सक्षम प्राधिकार घोषित करने की जिम्मेवारी दी गयी है। मुख्य सचिव ने इस मामले में पंचायती राज विभाग को स्पष्ट कर दिया कि वह वंशावली निर्माण करने वाले पदाधिकारी को नामित करे।
पिछले कई महीने से वंशावली निर्माण को लेकर गतिरोध बना हुआ था। बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा 28 जुलाई को सरपंच द्वारा वंशावली जारी करने की कार्रवाई पर रोक लगा दी गयी थी।
बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम 2011 और नियमावली 2012 के तहत वंशावली का निर्माण उन गांवों में किया जाता है, जहां पर सर्वेक्षण का काम होता है। अन्य कार्यों के लिए वंशावली निर्माण के लिए बंदोबस्त कार्यालय व अन्य प्राधिकार, सक्षम प्राधिकार नहीं है।