Friday, April 19, 2024
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मंडल कारा में हत्या के आरोपित विचाराधीन बंदी की मौत, सिपाही को पीटा

Jail Prisoner dies-इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में लाने के दौरान बंदी ने तोड़ा

जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा परिजनों का हंगामा

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

जेल प्रशासन बोला: तबीयत बिगड़ने पर सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत

खबरे आपकी आरा। आरा मंडल कारा में गुरुवार की दोपहर एक विचाराधीन बंदी की मौत हो गयी। इलाज के दौरान सदर अस्पताल में बंदी ने दम तोड़ दिया। मृत बंदी नगर थाना क्षेत्र के गौसगंज निवासी रामप्रवेश पासवान (72) थे। वह जेल में बंद आशीष पासवान के दादा थे और हत्या के मामले में करीब एक साल से जेल में बंद थे। इधर, मौत की सूचना मिलते ही बंदी के परिजन सहित काफी संख्या में लोग सदर अस्पताल पहुंच गये और जमकर हंगामा किया। इस दौरान जेल के सिपाही को भी पीट दिया गया। इससे अस्पताल में काफी देर तक अफरातफरी मची रही। प

रिजन जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने और मौत की सूचना नहीं देने का आरोप लगा रहे थे। वहीं हंगामे की सूचना मिलने पर टाउन और नवादा थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गयी। उसके बाद किसी तरह मामले को शांत कराया गया। इस मामले में जेल प्रशासन का कहना है कि दोपहर बंदी की तबीयत अचानक खराब हो गयी। उसके बाद इलाज के लिये बंदी सदर अस्पताल भेजा गया। जहां उनकी मौत हो गयी। जिला और जेल प्रशासन की ओर से बंदी की मौत की जांच करायी जा रही है। वहीं एसपी विनय तिवारी ने सिपाही के साथ मारपीट की घटना को काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने बताया कि मारपीट करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। उन सभी को चिन्हित किया जा रहा है।

Jail Prisoner dies-दंडाधिकारी की मौजूदगी में होगा शव का पोस्टमार्टम

Jail Prisoner dies

आरा। जेल के विचाराधीन बंदी के शव का पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में होगा। वही पोस्टमार्टम का वीडियोग्राफी भी कराया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. एलपी झा ने बंदी के शव के पोस्टमार्टम के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सकों के बोर्ड का गठन कर दिया है। चिकित्सकों की मेडिकल बोर्ड द्वारा ही शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद ही बंदी के मौत के कारणों का पता चल पाएगा।

बंदी के परिजनों ने जेल के जवान को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

आरा। मंडल कारा के विचाराधीन बंदी की गुरुवार की शाम सदर अस्पताल लाने के दौरान मौत के बाद परिजन भड़क उठे। परिजनों का गुस्सा उबल पड़ा। इस दौरान बंदी के साथ आए अन्य जवान भाग खड़े हुए। जबकि सिविल ड्रेस में आया जेल पुलिस का एक जवान परिजनों के हत्थे चढ़ गया। परिजनों ने ल पर थप्पड़ से जवान की जमकर पिटाई कर दी। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जख्मी जवान संतोष कुमार ने बताया कि वह मंडल कारा में लिपिक का कार्य करता है। वह अपना ड्यूटी खत्म कर चुका था। बंदी की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद इमरजेंसी केस होने के नाते उसे भी साथ सदर अस्पताल भेज दिया गया। सदर अस्पताल लाने के दौरान बंदी की मौत हो गई। इसके बाद इमरजेंसी वार्ड में बंदी के परिजनों द्वारा उसकी जमकर पिटाई कर दी गई। उसने बताया कि उसका कोई कसूर नहीं है। वह तो सिर्फ साथ में आया था। हालांकि इस मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज होने की सूचना नहीं है।

बंदी की मौत एवं जवान की पिटाई के बाद छावनी में तब्दील हुआ अस्पताल

आरा मंडल कारा के विचाराधीन बंदी की मौत एवं बंदी के परिजनों द्वारा जेल पुलिस के जवान की सदर अस्पताल में पिटाई के बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। देखते ही देखते पूरा सदर अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस को देखते ही जेल जवान की पिटाई करने वाले बंदी के परिजन भाग खड़े हुए। इस दौरान नवादा थाना इंचार्ज अविनाश कुमार दल बल के साथ मुस्तैद रहें। इसके अलावे पुलिस लाइन से अतिरिक्त बलों को भी बुला लिया गया।

पोते का आरोप: दस दिन से खराब थी तबीयत, नहीं कराया गया उचित इलाज

Jail Prisoner dies आरा। इधर, मृत बंदी राम प्रवेश पासवान के छोटे पोते अविनाश पासवान ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने एवं सही खाना नही देने का आरोप लगाया है।उसने बताया कि दादा की तबीयत करीब 10 दिनों से खराब चल रही थी। इसी माह के 23 तारीख को जब वे सिविल कोर्ट में तारीख पर आए थे। तब उनकी तबीयत खराब हुई थी। आज दोपहर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा फोन से सूचना मिली कि उसके दादा की मौत हो गई। जिसके बाद परिवार के सदस्य आरा सदर अस्पताल पहुंचे। तो देखा कि वे इमरजेंसी वार्ड के ओटी में मृत अवस्था में पड़े थे। जेल प्रशासन द्वारा तबीयत खराब होने एवं मृत्यु होने से संबंधित कोई सूचना नहीं दी गई थी।

हत्या के मामले में एक साल से जेल में बंद थे रामप्रवेश

बता दें कि शहर के गौसगंज इलाके में 8 जून 2020 की शाम हथियारबंद अपराधियों ने प्रोपटी डीलर नंद किशोर पासवान के पुत्र मिथुन पासवान को गोलियों से भून दिया था। हत्या बाद मिथुन पासवान के परिजनों द्वारा आशीष पासवान सहित नौ लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिसिया दबिश के कारण 3 जुलाई 2020 को आशीष पासवान ने कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया था। जबकि  उसके दादा रामप्रवेश पासवान ने 18 सितंबर 2020 में कोर्ट में समर्पण किया था। जिसके बाद वह जेल में ही थे।

मृत बंदी के घर में मचा कोहराम

Jail Prisoner dies आरा मंडल कारा के विचाराधीन बंदी के मौत की खबर मिलते ही उनके परिवार वाले दौडे़-दौडे़ सदर अस्पताल पहुंचे। इसके बाद शव से लिपट कर रोने-बिलखने लगे। बताया जाता है कि मृतक को तीन पुत्र प्रदीप पासवान, सबरजीत पासवान, अमरजीत पासवान एवं एक पुत्री गीता देवी है। मृत बंदी की पत्नी की एक वर्ष पूर्व स्वाभाविक मौत हो गई थी।

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MD WASIM
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Journalist
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Vikas singh
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