Roza – Ramadan आरा: रमजान का महीना इबादत वाला माहीना है। माहे रमजान में हर घड़ी अल्लाह की रहमत बरसती है। उक्त बाते आरा के कसाब टोला स्थित चमन की मस्जिद के इमाम हाफिज व कारी मोहम्मद जावेद अख्तर फरीदी ने कही।
उन्होंने कहा की माहे रमजान में अजर व शबब बहुत ही बढ़ जाता है। माहे रमजान में हर आन में खुदा की शान नजर आती है। रमजान के रोजे दारू के लिए दरिया की मछलियां मगफीरत की दुआ करती है। रोजा बातनी इबादत है। अल्लाह बातनी इबादत को ज्यादा पसंद करता है।
Roza – Ramadan: रमजान एक भट्टी है, जैसे की भट्टी गंदे लोहे को साफ और साफ लोहे को मशीन का पुर्जा बनाकर कीमती कर देती है, और सोने को जेवर बनाकर इस्तेमाल के लायक कर देती है। ऐसे ही माहे रमजान गुनहगारों को पाक करता है और नेक लोगों के दर्जे बढ़ता है।