Homeopathic Hospital Shahpur: भोजपुर जिले का शाहपुर राजकीय होम्योपैथिक औषधालय इन दिनों अपने दवा मिश्रक विनय तिवारी के कारण चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
- हाइलाइट्स:Homeopathic Hospital Shahpur
- चर्चा का केंद्र बना का शाहपुर राजकीय होम्योपैथिक औषधालय
- शाहपुर राजकीय होम्योपैथिक औषधालय से निराश होकर लौट रहें मरीज
- दवा मिश्रक विनय तिवारी के चलते आम जनता और डॉक्टर परेशान: उमेश चंद्र पांडे
आरा/शाहपुर: भोजपुर जिले का शाहपुर राजकीय होम्योपैथिक औषधालय, जो होम्योपैथिक चिकित्सा के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है, इन दिनों अपने दवा मिश्रक विनय तिवारी के कारण चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस औषधालय में फ्री दवा के बदले विनय तिवारी के दवाओं की गुणवत्ताओं और उनकी उपलब्धता को लेकर आम जनता और चिकित्सकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति अस्पताल की कार्यक्षमता और मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल में गंभीर बाधा डाल रही है।
विनय तिवारी, जो पिछले 6 सालों से दवा मिश्रक के रूप में कार्यरत हैं, पर आरोप है कि वे फ्री सरकारी दवाओं के बदले पैसे लेते है तथा अपने पास से रखे मिश्रणयुक्त दावा से मरीजों को जल्द ठीक होने का दबाव देकर दवा लेने को मजबूर करते है। यह स्थिति औषधालय के प्रति और चिकित्सकों के भरोसेमंद छवि को भी धूमिल कर रही है। आम जनता, जो अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए इस होम्योपैथिक औषधालय का रुख करती है, निराश होकर लौट रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार इस समस्याग्रस्त स्थिति का एक और पहलू है। मरीजों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए उपकरणों को दवा मिश्रक विनय तिवारी अपने घर लेकर चले गये थे जिसका स्थानीय निवासियों ने विरोध किया। जिला पदाधिकारी के पास आवेदन देने के बाद जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया। दोषी पाए जाने पर इनका डिक्टेशन पूरहरा कर दिया गया। लेकिन इनके द्वारा आदेशों की अवहेलना की जा रही है। सरकारी उपकरण सहित औषधालय के दवा अलमीरा की चाबी अपने पास रखे हुए हैं इससे मरीज को दवा नहीं मिल पा रही है।
इधर, किसानश्री उमेशचंद्र पांडेय ने कहा कि विनय तिवारी की मनमानी मरीजों के साथ चिकित्सकों को भी असहाय बना रही हैं। जो गंभीर चिंता का विषय है। सरकार के दिशानिर्देश के विपरीत कार्य करनेवाले दवा मिश्रक विनय तिवारी पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कारवाई करने के बावजूद इनकी भूमिका में सुधार नहीं है। ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी पर कारगर कार्रवाई जरूरी हो गया है। जिससे कि आम जनता को राहत मिल सके। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री (बिहार सरकार) को पत्र भेजा गया है।