Shahpur – Khas Gav Hamar: शाहपुर में बृंदावन बाबा, लखिनाथ बाबा और लक्कड़ बाबा जैसे महान साधु-संत-फकीर ने अपने जीवन और कार्यों से एक अद्भुत धार्मिक और सामाजिक परंपरा को जन्म दिया।
- हाइलाइट : Shahpur – Khas Gav Hamar
- अद्वितीय गौरव, समृद्ध इतिहास और सम्मानजनक परंपराओं से युक्त शाहपुर
- साधु-संत-फकीर के इस पावन स्थल का महत्व और गौरव निःसंदेह अमूल्य है
- अविनाश चन्द विद्यार्थी: शाहपुर खास गाँव हमार ।
- ह पुरधान पुरान गाँव ई जाने जिला- जवार ॥
- ‘सुहिया- ‘शाहीपुर का पहिले रहन ‘चेर खरवार।
- नगर बसवले सात पटी के ‘महासिंह’ सरदार ॥
- ‘लखीनाथ’- ‘वृन्दावन’ जी के महिमा अपरंपार ।
- ‘लकड़शाह’ की नावें पर बा होखत आजु पुकार ॥
- नदी पार उत्तर में लमहर ‘गड’हर’- ‘पवट’ बधार ।
- निअरे ‘घामनाथ’ शिव का बढ़िया में गंगा-धार ॥
- दक्खिन में ‘घरभरनी दाई’, पछिम ‘सनिचरा’ ठाढ़।
- ‘महावीरजी’- ‘काली माई” पूरुब के रखवार ॥
- परती पर कतो ना लउके नइखे ऊसर-टाँड़ ।
- सजी बिरिहिनी उपजे इहवाँ चारों ओर कोड़ार ।।
- ‘मंगर’ अउर ‘सनीचर’ के लागे बड़का बाजार ।
- सोन्ह मिठईया ‘झरुआ’ के होला बहुते मजदार ॥
- ‘अस्पताल’ – ‘थाना’ – ‘प्रखंड’ बा ‘टेलीफोन’ – सुतार ।
- ‘बैंक’- ‘डाकघर’ ‘इंटर कॉलेज’, लउके लोग हजार ॥
- ‘आरा’ ‘बक्सर’ पीच रोड का बीच बसल गुलजार ।
- ‘पुरुबो’रेल, ‘बनाही’ टेसन बाहर के निकसार ॥
- जाति- पाँति के जोर जुलुम ना, मनगर बात-बिचार।
- घरे रहो भा बहरा, सगरो “शाहपुरी’ दिलदार ॥
आरा: बिहार के भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर में परंपरागत सामाजिक एवं धार्मिक मूल्यों का गहरा प्रभाव है। यहां की जनता मिलजुल कर रहती है और एक-दूसरे के प्रति सद्भाव का भाव रखती है। शाहपुर में विभिन्न धार्मिक स्थल और त्योहार मनाए जाते हैं, जो सामाजिक एकता को बढ़ावा देते हैं। शाहपुर अपने समृद्ध धरोहर के लिए जाना जाता है। यहाँ की परंपराएँ और रीति-रिवाज अभी भी लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत में भोजपुर जिले में शाहपुर का अपना एक विशिष्ट स्थान है। पूर्व में यह गाँव अब नगर, साधु-संत-फकीर का एक प्रमुख केंद्र रहा है, जिसमें बड़ी मठिया स्थित बृंदावन बाबा, छोटी मठिया स्थित लखिनाथ बाबा और NH- 84 से सटे शाह लक्कड़ बाबा का मज़ार जैसे महान आध्यात्मिक साधु-संत व फकीर का अद्भुत योगदान रहा है। इन महापुरुषों ने अपने जीवन और उपदेशों के माध्यम से स्थानीय समुदाय को आध्यात्मिक गतिविधियों और सामाजिक कल्याण से जोड़ा है।
शाहपुर में बृंदावन बाबा, लखिनाथ बाबा और लक्कड़ बाबा जैसे महान साधु-संत-फकीर ने अपने जीवन और कार्यों से एक अद्भुत धार्मिक और सामाजिक परंपरा को जन्म दिया। स्थानीय समुदाय की एकता को कायम रखने के साथ ही इन महापुरुषों ने शाहपुर को एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बना दिया है और उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
साधु-संत-फकीर के इस पावन स्थल का महत्व और गौरव निःसंदेह अमूल्य है। यह शाहपुर की अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उनकी तपस्या, त्याग और सेवाभाव से उनके स्थान सभी के लिए पवित्र और पू्जनीय बन गया। जहां हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग हाथ जोड़ प्रार्थना करते है।