Shahpur Corruption : उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी ने कहा की शाहपुर नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार न केवल मुख्य पार्षद की विफलता का संकेत है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और विकास के मार्ग में एक बड़ी बाधा भी है।
- हाइलाइट : Shahpur Corruption
- भ्रष्टाचार में माहिर शाहपुर नपं की कारस्तानी, पैसा निकासी हेतु एक योजना को तीन भागों में बांट दिया गया
- सड़क बनकर तैयार, पांच माह बाद फिर बनाने का प्रस्ताव लेना सरासर गलत है- उपमुख्य पार्षद
आरा: शाहपुर नगर पंचायत, जो अपने कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के लिए प्रसिद्ध है, वार्ड-03 इस मुद्दे का एक उदहारण प्रस्तुत करता है। बिना निविदा प्रक्रिया के बिना बिभागीय आदेश के और बिना प्राक्कलित राशि का बोर्ड लगाये संवेदक द्वारा भुआली यादव के हाता से परमात्मा शर्मा के घर तक पीसीसी सड़क व नाला निर्माण कार्य पूर्ण करना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके साथ ही उसी सड़क का पांच माह बाद 10 जुलाई को सशक्त बोर्ड की बैठक में मुख्य पार्षद द्वारा तीन भागों में बांटकर फिर से बनाने का प्रस्ताव लेकर प्रोसीडिंग बुक पर इंट्री करवा देना इससे नगर प्रसाशन के समक्ष एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इसके कई प्रभाव हो सकते हैं। शाहपुर नगर पंचायत में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है और बोलबाला है, वार्ड-03 इसका उदहारण है। इससे नगर पंचायत शाहपुर की राजनीत एक बार फिर गरमा गई है।
इधर, उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी ने कहा की शाहपुर नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार न केवल मुख्य पार्षद की विफलता का संकेत है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और विकास के मार्ग में एक बड़ी बाधा भी है। 10 जुलाई को सशक्त बोर्ड की बैठक में मुख्य पार्षद द्वारा वार्ड-03 में जिस योजना का प्रस्ताव लिया गया है उसमे कई योजनायें 5 माह पहले ही बनकर पूरी हो चुकी है।
बता दें की वार्ड-03 में उक्त पीसीसी सड़क निर्माण कार्य की बावत पूछे जाने पर तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी रजनीश कुमार एवं जेइ जयनन्दन चौधरी ने अनभिज्ञता जाहीर करते साफ इनकार किया था और कहा था की उनकी जानकारी में उक्त कार्य नहीं हो रहा है। तब काफी हो हल्ला हुआ था इसके बावजूद प्राक्कलित राशि का बोर्ड लगाए बिना ही संवेदक द्वारा गुणवत्ता मानकों को दरकिनार कर भुआली यादव के हाता से परमात्मा शर्मा के घर तक पीसीसी सड़क व नाला निर्माण कार्य को पूरा कर दिया गया था।
वही 10 जुलाई को सशक्त बोर्ड की बैठक में भुआली यादव के हाता से परमात्मा शर्मा के घर के बीच बनी सड़क व नाला को अलग-अलग नाम देकर तीन भागों में योजना बांट दिया गया और फिर से बनाने का प्रस्ताव लेकर प्रोसीडिंग बुक पर इंट्री करवा दिया गया है। यह सरकारी पैसों का उचित और पारदर्शी उपयोग का सरासर उल्लंघन है।