Tuesday, April 22, 2025
No menu items!
Homeआरा भोजपुरShahpur NewsPARSHAD: साफ-सफाई पर बहुत कुछ कहती है शाहपुर के पार्षदों की चुप्पी

PARSHAD: साफ-सफाई पर बहुत कुछ कहती है शाहपुर के पार्षदों की चुप्पी

पूर्व उपमुख्य पार्षद गुप्तेश्वर साह ने कहा की शाहपुर नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था की हालत अत्यंत चिंताजनक है। पार्षदों की चुप्पी के कारण भ्रष्ट तत्व व्यक्तिगत लाभ उठा रहे हैं।

SHAHPUR – PARSHAD: पूर्व उपमुख्य पार्षद गुप्तेश्वर साह ने कहा की शाहपुर नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था की हालत अत्यंत चिंताजनक है। पार्षदों की चुप्पी के कारण भ्रष्ट तत्व व्यक्तिगत लाभ उठा रहे हैं।

  • हाइलाइट : SHAHPUR – PARSHAD
    • नगर पंचायत शाहपुर हर माह 11 लाख 87 हजार से ज्यादा रुपया सफाई एनजीओ पर खर्च करता है

आरा/शाहपुर: शाहपुर नगरवासी भले की गंदगी से त्रस्त हो, लेकिन नगर पंचायत के पार्षद इससे इत्तफाक नहीं रखते हैं। उन्हें लगता ही नहीं है कि यह कोई मुद्दा भी है। हकीकत यह है कि नगर पंचायत में सर्वाधिक हंगामा केवल सफाई और सफाईकर्मियों की संख्या को लेकर होता रहा है। क्या साफ-सफाई पार्षदों के लिए केवल व्यक्तिगत लाभ का मुद्दा है? क्या यह आम जनता की समस्या का समाधान करने के लिए नहीं है?

Bharat sir
Bharat sir

सफाई के नाम पर सर्वाधिक हंगामा करने वाले पार्षद और साथ देने वाले पार्षदों की एक साथ चुप्पी साफ-सफाई पर बहुत कुछ कहती है। या तो भ्रष्टाचार के आगे इनकी बातों को अनसुनी की जा रही है इसलिए चुप है, या तो पार्षदों को सफाई से ज्यादा कुछ और ही प्रिय है। जिस कारण उन्हे अपने-अपने वार्ड में साफ-सफाई का अभाव नहीं दिख रहा है।

Mathematics Coching shahpur
Mathematics Coching shahpur

इधर, पूर्व उपमुख्य पार्षद गुप्तेश्वर साह ने कहा की शाहपुर नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था की हालत अत्यंत चिंताजनक है। पार्षदों की चुप्पी के कारण भ्रष्ट तत्व व्यक्तिगत लाभ उठा रहे हैं। नगर प्रशासन को स्वच्छता की दिशा में कार्य करते समय पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और नैतिकता को सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। सफाई के नाम पर लूट को रोकने के लिए कार्यपालक पदाधिकारी को एक सशक्त तंत्र का निर्माण करना होगा जो हर रोज निरीक्षण कर साफ-सफाई व कर्मियों की जिओ टैग रिपोर्ट करें, ताकि वास्तव में शाहपुर नगरवासियों को स्वच्छता का लाभ मिल सके।

बता दें की साफ-सफाई के नाम पर नगर पंचायत शाहपुर हर माह 11 लाख 87 हजार से ज्यादा रुपया एनजीओ पर खर्च करता है। इसके बाद भी गड़बड़ी को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। सफाई के नाम पर लूट मची है। पहली बारिश होने से लेकर अब तक संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बाजारों, सड़कों तालाबों, स्कूलों, मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर आदि के आसपास सफाई अभियान नहीं चलाया गया। ना ही अबतक ब्लीचिंग पाउडर आदि का छिड़काव ही किया गया है। इससे नगर के लोगों को बरसात के मौसम में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा सता रहा है।

- Advertisment -
Bharat Lal
Bharat Lal

Most Popular