Shahpur – Nagar Panchayat : नगर पंचायत शाहपुर में एनजीओ द्वारा किए गए अपर्याप्त नाला उड़ाही के कार्यों के कारण कई वार्डों में जल जमाव की समस्या गंभीर रूप ले रही है।
- हाइलाइट : Shahpur – Nagar Panchayat
- बारिश के साथ ही शाहपुर में जल जमाव की समस्या गंभीर रूप ले रही है
- एनजीओ अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में विफल : पूर्व मुख्य पार्षद
आरा/शाहपुर: नगर पंचायत शाहपुर में एनजीओ द्वारा किए गए अपर्याप्त नाला उड़ाही के कार्यों के कारण कई वार्डों में जल जमाव की समस्या गंभीर रूप ले रही है। इसके परिणामस्वरूप, बारिश के दौरान सड़कों पर जमा पानी से बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं। इधर, सफाई कर्मियों के बार-बार हड़ताल से परेशानी और बढ़ जाती है। बता दें कि अपने कर्तव्यों का पालन करने में सफाई एनजीओ विफल रहा हैं, जिसके कारण शाहपुर नगर पंचायत में जल जमाव और कूड़े-कचरे की समस्या, उनकी बदबू से भी लोग परेशान हैं।
लापरवाही और उदासीनता:
खबरे आपकी टीम ने जब इसका जायजा लिया तो हलात काफी बदतर दिखें। सफाई एनजीओ प्रताप सेवा संकल्प कि लापरवाही और उदासीनता से शाहपुर नगर पंचायत कि जनता में निराशा और असंतोष है। एकरारनामा के कुल 21 शर्तों एवं स्थानीय जांच रिपोर्टों से पता चलता है कि सफाई एनजीओ प्रताप सेवा संकल्प अपने सफाई कर्मी और नगर पंचायत शाहपुर के लोगों को सेवा देने में काफी लापरवाह और उदासीन रहा है। जिस कारण सफाईकर्मी हड़ताल करने को मजबूर होते है और मानसून पूर्व समय से नाला की उड़ाही नहीं होने से नगर के लोगों को जल जमाव का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों में असुविधा की स्थिति से आक्रोश साफ-साफ दिखाई दे रही है।
जवाबदेही की कमी:
एनजीओ कि गतिविधिया सफाई कर्मियों को लेकर भी साफ नहीं है। कागज पर लिखित 40 सफाई कर्मी है पर दिखित कम है। हर रोज 25 से कम सफाईकर्मी ही दिखाई देते है। एकरारनामा के कुल 21 शर्तों की नगर प्रशासन के द्वारा हर रोज समीक्षा और निगरानी नहीं कि जाती। और ना ही हर माह 11 लाख 87 हजार से ज्यादा खर्चों के बारे में पारदर्शिता ही है। ये वास्तव में किस प्रकार की सेवाएं नगर को प्रदान कर रहे हैं कि इससे जनता कि परेशानी और बढ़ गई है।
एनजीओ अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में विफल : पूर्व मुख्य पार्षद
पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा कि नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को एकरारनामा के कुल 21 शर्तों के साथ कार्यरत सफाई एनजीओ के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है ताकि समय से 40 सफाई कर्मियों कि सेवा सभी वार्ड के नागरिकों को मिल सके। यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर सफाई एनजीओ को हर माह 11 लाख 87 हजार देने का क्या फायदा है?