Tuesday, May 13, 2025
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शाहपुर नपं की तस्वीर, 12 दिनों से बारिश के पानी में डूबी सड़क

बारिश पूर्व नालों की पर्याप्त उड़ाही न होने से नगर पंचायत शाहपुर के कई क्षेत्रों में वर्षा का जमा पानी सफाई एनजीओ की लापरवाही और असंवेदनशीलता का एक उदाहरण है।

Shahpur NP photo: बारिश पूर्व नालों की पर्याप्त उड़ाही न होने से नगर पंचायत शाहपुर के कई क्षेत्रों में वर्षा का जमा पानी सफाई एनजीओ की लापरवाही और असंवेदनशीलता का एक उदाहरण है।

  • हाइलाइट : Shahpur NP photo
    • शाहपुर नगर पंचायत की स्वच्छता और जल प्रबंधन में लापरवाही
    • थर्ड नोटिस करके सफाई एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की कारवाई करें कार्यपालक: बिजय सिंह

आरा/शाहपुर: बारिश पूर्व नालों की पर्याप्त उड़ाही न होने से नगर पंचायत शाहपुर के कई क्षेत्रों में वर्षा का जमा पानी, बारिश के पानी में डूबी सड़क, सफाई एनजीओ की लापरवाही और असंवेदनशीलता का एक उदाहरण है। स्थानीय सफाई एनजीओ की अनदेखी और कार्य में लापरवाही से शाहपुर नगर निवासियों के जीवन-शैली पर गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहा है।

सड़कों पर इस तरह के जलजमाव से आम लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह न केवल वाहन चलाने में परेशानी बल्कि स्कूली बच्चों के पैदल चलने और दिव्यांग जनों के लिए भी मुश्किलें पैदा हो गई हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

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इसके अतिरिक्त, कचरा प्रबंधन में भी लापरवाही देखी जा रही है। सार्वजनिक स्थानों पर कचरा के ढेर होने से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए, सफाई एनजीओ को अपने दायित्वों को गंभीरता से लेना होगा।

इधर, पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा की 11 लाख 87 हजार हर माह लेने के बावजूद साफ-सफाई के लिए एनजीओ ने कुल कितने मजदूरों को लगा रखा है? अगर कहीं मजदूरों की कमी है तो ऐसा क्यूं है? नगर में निरंतर साफ-सफाई और कचरा उठाव क्यों नहीं हो रहा है? इतना ही नहीं सफाई मजदूरों को समय पर वेतन और इपीएफ क्यों नहीं मिलता है? नप के कार्यपालक पदाधिकारी को इस पर ध्यान देना चाहिये। अगर एनजीओ इस तरह की करतूतों से बाज नहीं आती है, तो थर्ड नोटिस करके सफाई एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की कारवाई की जाये।

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